कोरोना संकट के दौरान देश में जगह-जगह से पुलिस का ‘मानवीय चेहरा’ सामने आ रहा है । रायगढ़ जिले में पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के मानवीय सोच व निर्देशन में जिला पुलिस के विशेष प्रयासों से “पुलिस हेल्प डेस्क” के जरिये जरूरतमंदों को भोजन एवं जीवनोपयोगी वस्तुंए उपलब्ध कराई जा रही है । इसके साथ अधिकारीगण लोगों की चिकित्सा सुविधाएं एवं मेडिसिन उपलब्ध कराने में भी यथासम्भव मदद कर रहे हैं । वहीं थाना प्रभारियों को भी अनेकों प्रकार की मदद के लिये कॉल सूचना प्राप्त हो रहे हैं ।
इसी क्रम में दिनांक 04.05.2021 को थाना प्रभारी कोतरारोड़ निरीक्षक चमन सिन्हा को थानाक्षेत्र के ग्राम चिरईपानी में करीब 30 वर्षीय महिला को अकेली घूमते देखकर गांव के सज्जन व्यक्ति द्वारा सूचना दिया गया था । सूचनाकर्ता बताया कि महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं लग रही । तब थाना प्रभारी मामले को गंभीरता से लेते हुए पेट्रोलिंग के प्रधान आरक्षक प्रेम सिदार को उसी समय चिराईपानी भेजे । प्रधान आरक्षक प्रेम सिदार चिराईपानी पहुंचकर महिला को खाना खिलाये, उसे बिस्किट, पानी बॉटल देकर पूछताछ किये परन्तु महिला मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण स्वयं के बारे में कुछ बता नहीं पा रही थी। प्रधान आरक्षक आसपास गांव के सरपंच, पंच और बीडीसी को फोन कर महिला की तस्वीरें भेजकर पता लगाये । पता चला कि महिला की मानसिक स्थिति ठीक नही है, डभरा क्षेत्र की रहने वाली है, पति को छोड़कर अपनी मां के पास रहती थी, कुछ दिन पहले घर से निकली है । थाना प्रभारी कोतरारोड़ को महिला के डभरा क्षेत्र के होने की जानकारी मिलने पर डबरा क्षेत्र के BDC से फोन में चर्चा कर महिला को उसके मायके सुखापाली थाना डभरा जिला जांजगीर पहुंचाने के लिये रात ही में चार पहिया वाहन की व्यवस्था किये और थाने की महिला आरक्षक प्रियंका मिंज और आरक्षक बलराम साहू के साथ महिला को सुखापाली के लिये रवाना किये । कोतरारोड़ स्टाफ महिला को उसके मां के सुपुर्द किया गया, परिवार के लोगों की देखरेख में महिला अधिक सुरक्षित रहेगी । कोतरारोड़ पुलिस के इसी प्रकार के माननीय कार्य की क्षेत्रवासियों द्वारा सराहना की जा रही है ।