चिटफंड कंपनियों में जिले के 85 हजार लोगों के 213 करोड़ रुपए डूबे हुए हैं। प्रशासन द्वारा संपत्ति नीलामी और पुलिस द्वारा की जा रही गिरफ्तारी के बाद कुछ मामलों में ठगी करने वाले डायरेक्टर रुपए लौटाने के लिए तैयार हो रहे हैं, हालांकि इसकी संख्या मामूली है। अब तक निवेश करने वाले 32 लोगों को 28 लाख रुपए लौटाए गए हैं।
एमडी इंडिया नामक चिटफंड कंपनी की बैंसपाली और आमागांव में मौजूद जमीन की नीलामी की गई जिसके बाद कंपनी ने 28 लोगों के 19 लाख रुपए लौटाए। कोर्ट में चल रहे केस का सेटलमेंट भी हो गया। राजस्व विभाग के अफसरों के मुताबिक एमडी इंडिया की दोनों जमीनें अच्छी जगह पर थीं, इन्हें खरीदार मिल गए। इसलिए राशि रिकवर हुई और निवेशकों को लौटाई गई। इसके साथ ही एसपीएनजे कंपनी ने चार निवेशकों के 10 लाख रुपए भी लौटाए हैं। 85 हजार आवेदनों में 213 करोड़ रुपए की ठगी की बात सामने आई है। इनमें सबसे ज्यादा पैसा पीएसीएल कंपनी ने ठगा है।
33 हजार लोगों के करीब 76 करोड़ 66 लाख 43 हजार 813 रुपए फंसे हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट की लोढ़ा कमेटी पीएसीएल मामले में काम कर रही है इसलिए प्रशासन इसमें दखल नहीं दे रहा है। 2019 से लेकर 51 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है, 23 मामलों में चार्जशीट भी पेश हो चुकी है। 6 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है, लेकिन यह मामले पुराने हैं। दो दिन पहले प्रतिष्ठा इंफ्राकॉम इंडिया लिमिटेड के एक निदेशक को पकड़ा, इस डायरेक्टर ने निवेशकों से सेटलमेंट कर रुपए लौटा दिए, कोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर दिया। इसके बाद चिटफंड शेयर होल्डर को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार लोगों की संपत्ति की जुटा रहे हैं जानकारी
पुलिस ने धोखाधड़ी की आरोपी चिटफंड कंपनियों के जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उन कंपनियों की जिले में कोई संपत्ति है या नहीं इसका पता लगा रहे हैं। जिले के लोगों का सबसे अधिक पैसा पीएसीएल में है, इससे जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी देख रही है। अब तक हम दो कंपनियों से कुछ रिकवरी कर रुपए लौटा सके हैं। कुछ में अभी संपत्ति नीलामी प्रक्रिया चल रही है।
डिगेश पटेल, ज्वाइंट कलेक्टर