डेंगू रोकथाम के लिए शहरी क्षेत्र की मितानिनों को दिया गया प्रशिक्षण

डेंगू रोकथाम के लिए शहरी क्षेत्र की मितानिनों को दिया गया प्रशिक्षण

रायगढ़, 29 जुलाई 2025/ कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के निर्देशन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अनिल कुमार जगत के मार्गदर्शन में डेंगू रोधी माह जुलाई के अवसर पर शहरी क्षेत्र के मितानिनों हेतु चार बैचों में जिला स्तरीय समीक्षा बैठक सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 10, 17, 21 एवं 28 जुलाई 2025 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय स्थित आरोग्यम् सभाकक्ष में आयोजित हुआ।

प्रशिक्षण के दौरान जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. टी.जी. कुलवेदी ने बताया कि डेंगू एक वेक्टर जनित रोग है, जो संक्रमित मादा एडिज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है और दिन के समय काटता है। उन्होंने बताया कि संक्रमित मादा मच्छर के अंडे भी संक्रमण का स्रोत बन सकते हैं और पानी में आने पर नए संक्रमित मच्छर बनते हैं। एक मच्छर अपने जीवनकाल में लगभग 300 अंडे देता है।
प्रशिक्षण में डॉ. कुलवेदी ने डेंगू मच्छर की पहचान, उसके जीवन चक्र एवं उसके नियंत्रण के उपायों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मितानिनों को टेमीफॉस के घोल की तैयारी की विधि समझाते हुए बताया कि 10 लीटर पानी में 2.5 मि.ली. टेमीफॉस मिलाकर घोल तैयार किया जाए और उसे उन स्थानों पर उपयोग किया जाए जहां एडिज मच्छर के लार्वा पनप रहे हों। सभी मितानिनों को आवश्यकतानुसार टेमीफॉस दवा का वितरण भी किया गया। प्रशिक्षण के दौरान डेंगू और सामान्य बुखार में अंतर, डेंगू के प्रमुख लक्षण एवं उससे बचाव के उपायों की भी जानकारी दी गई। मितानिनों को समझाइश दी गई कि यदि किसी व्यक्ति में डेंगू के लक्षण दिखाई दें तो उसे तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजें, खून की जांच करवाएं और मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री लेकर संबंधित स्वास्थ्य कार्यकर्ता को सूचित करें।
डेंगू मरीज पाए जाने पर नियमित फॉलोअप के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, उन क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां पिछले वर्ष डेंगू के अधिक मामले सामने आए थे। इन क्षेत्रों में विशेष कार्य योजना बनाकर पहले से तैयारियां करने, सतर्कता बरतने एवं जनजागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

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