खाने के बाद सौंफ और मिश्री खाना सबको पसंद है। रेस्टोंरेट में खाने के बाद हम भारतीय अक्सर मुठ्ठी भर सौंफ लेकर ही बाहर निकलते हैं। क्या आप ये जानते हैं कि मिश्री खाने का भी एक नियम होता है। गर्मी में सौंफ के साथ खाने से पेट ठंडा रहता है वही बरसात के मौसम में इससे स्किन रिलेटेड प्रॉब्लम दूर होती है।
आज जरूरत की खबर में सेलिब्रेटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर से जानते हैं कि क्यों इसे रोज खाना चाहिए।
जिस मिश्री का इस्तेमाल हिंदू धर्म में प्रसाद के रूप में होता है। भारतीय जिसे सौंफ के साथ मिलाकर माउथ फ्रेशनर की तरह खाते हैं, यही मिश्री आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करती है।
नीम की पत्तियां एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल होती हैं। इनमें एंटी ऑक्सीडेंट्स भी भरपूर होते हैं। जब मिश्री और नीम साथ में खाए जाते हैं तो दोनों साथ में मिलकर तेजी से असर दिखाते हैं। बरसात के दिनों में होने वाली खुजली और स्किन रिलेटेड प्राॅब्लम भी इससे कंट्रोल होते हैं।
सवाल– इसे कब-कब खाना चाहिए?
जवाब– इसे अगर इन 3 समय पर खाया जाए तो ज्यादा फायदा मिलता है।
- सुबह खाली पेट।
- दोपहर में खाने के बाद।
- चाय में शक्कर की जगह।
सवाल– सौंफ और मिश्री एक साथ खाना क्यों अच्छा होता है?
जवाब– इस कॉम्बिनेशन से बॉडी में एसिड नहीं बनता है। पेट में जलन, गैस और एसिडिटी की दिक्कत नहीं होती है।
सवाल– किन लोगों को मिश्री नहीं खाना चाहिए?
जवाब– डायबिटीज के पेशेंट्स को मिश्री नहीं खाना चाहिएI
सवाल– बुजुर्ग कहते हैं कि मिश्री से आंखों की रोशनी सुधारी जा सकती है, ऐसा संभव है क्या?
जवाब– इसका इस्तेमाल पुराने जमाने में दवाई के तौर पर किया जाता था। मिश्री, सौंफ और बादाम को मिलाकर रोज खाने से आंखों पर चश्मा चढ़ने के चांस कम होते हैं।
गर्मी के दिनों में यह आंखों में जलन, एलर्जी या बैक्टीरिया और वायरल इंफेक्शन को दूर करने में मदद करता है।
चलते -चलते जानते हैं
सवाल– मिश्री कैसे बनती है?
जवाब– यह चीनी का शुद्ध रूप है। दरअसल चीनी के जमे हुए या फिर बड़े समूह को मिश्री कहते हैं। ये अनरिफाइंड रूप से गन्ने से बनती है।