छत्तीसगढ़ के जांजगीर- चांपा जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे हुए 10 साल के राहुल को करीब 48 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं। राहुल 60 फीट से भी नीचे गड्ढे में फंसा हुआ है। उसे बचाने की जद्दोजहद पिछले 46 घंटे से भी ज्यादा समय से जारी है। रोबोटिक्स तरीका फेल हो जाने के बाद टनल के सहारे बाहर निकालने का प्लान बनाया गया है। हालांकि इसमें राहुल और टनल के बीच चट्टान बड़ी बाधा बन गई है। प्रशासन का कहना है कि इस 9 मीटर की टनल बनाने और राहुल को निकालने में 6 घंटे से भी ज्यादा समय लग सकता है। रात 11 बजे एक टीम गड्ढे में उतरी है और टनल का काम शुरू कर दिया गया है।
बच्चे को रेस्क्यू कर बाहर लाने को लेकर प्रशासन तैयारियों में लग गया है। कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने इसे लेकर तैयारी संबंधी जरूरी निर्देश दिए हैं। इसके तहत मौके पर ऑक्सीजन, विद्युत व्यवस्था, लाइटिंग, कंप्रेशर मशीन, एक्सपर्ट, मेडिकल स्टाफ के साथ सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। बच्चे को बाहर निकालने को लेकर कागज पर भी प्लान डिजाइन किया गया है। ऑपरेशन स्थल के आसपास के 25 मीटर एरिया को नो गो जोन बनाया जाएगा। ऑपरेशन के लिए केवल अधिकृत लोग ही वहां रहेंगे
फिलहाल टनल के लिए चिह्नांकन किया जा रहा है। करीब 60 फीट नीचे JCB को उतार कर सुरंग बनाने वाली जगह के आसपास से मिट्टी हटाई जाएगी। बताया गया है कि रेस्क्यू स्टेशन से गहराई की ली गई नाप के अनुसार, 61.5 फीट खुदाई हो चुकी है। 9 मीटर की टनल बनाई जाएगी। टनल के लिए करीब 20 फीट लंबा पाइप तैयार है। काम शुरू होने के बाद उसे नीचे उतारा जाएगा। SECL की इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम भी पहुंची हुई है।
गुजरात से रोबोटिक्स इंजीनियर को बुलाया
राहुल को बचाने के लिए गुजरात से रोबोटिक्स इंजीनियर महेश अहीर को बुलाया गया है। उन्होंने रोबोट के जरिए राहुल को बाहर निकालने का प्रयास किया, पर कीचड़ और पानी के चलते सफल नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि अभी तक महेश ने जिन बच्चों को रोबोट के जरिए रेस्क्यू किया है, उनमें सभी की उम्र 3 से 5 साल के बीच थी। ऐसे में 10 साल का राहुल बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।
SECL की सबसे बड़ी रेस्क्यू टीम पहुंची
राहुल के लिए प्रशासन के निर्देश पर अब SECL की कुसमुंडा, मानिकपुर और मनेंद्रगढ़ से भी रेस्क्यू टीम भी पहुंची है। इसे SECL की सबसे बड़ी रेस्क्यू टीम बताया जा रहा है। यह टीम अंडरग्राउंड खदान में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं के समय राहत और बचाव करती है। वह अपने साथ कई तरह के उपकरण लेकर आई है। ऑफिसर इंचार्ज जीपी शुक्ला के नेतृत्व में 10 सदस्य इस टीम में हैं। यह टीम खदान में अचानक ऊपर की छत को धंसने से बचाने, गैस रिसाव को रोकने जैसे कार्य करती है।
जिला प्रशासन ने आपात स्थिति से निपटने के इंतजाम शुरू कर दिए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित उनकी टीम मौजूद है। मौके पर ऑक्सीजन सिलेंडरों की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा दो एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड भी मौजूद है। वहीं अतिरिक्त JCB, पोकलेन ,हाइवा भी मंगाए गए हैं। कोरबा और झारखंड से भी खदान एक्सपर्ट और कई मशीनें ड्रिल और अन्य कार्य के लिए मंगाई गई है। बताया जा रहा है कि अब टनल ही बच्चे को निकालने का एकमात्र सहारा बचा है।