शीतल देवी ने वर्ल्ड पैरा आर्चरी में जीता गोल्ड मेडल, सिर्फ 18 साल की उम्र में रचा इतिहास

शीतल देवी ने वर्ल्ड पैरा आर्चरी में जीता गोल्ड मेडल, सिर्फ 18 साल की उम्र में रचा इतिहास

भारत की 18 साल की पैरा आर्चरी खिलाड़ी शीतल देवी का चीन के ग्वांग्जू शहर में चल रही वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में ऐतिहासिक प्रदर्शन देखने को मिला है। शीतल देवी पहली ऐसी पैरा आर्चरी बन गई हैं, जो बिना हाथ के गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हुई है। शीतल देवी ने महिलाओं की कंपाउंड व्यक्तिगत स्पर्धा में तुर्की की नंबर-1 तीरंदाज ओजनूर क्यूर गिर्डी को मात देने के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया।

शीतल ने 146-143 के अंतर से गोल्ड मेडल जीता
वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में महिलाओं की कंपाउंड व्यक्तिगत इवेंट में भारत की शीतल देवी और तुर्की की ओजनूर क्यूर गिर्डी के बीच काफी रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। इस खिताबी मैच का जब पहला राउंड खत्म हुआ तो उस समय दोनों पैरा आर्चरी का स्कोर 29-29 था। इसके बाद दूसरे राउंड से शीतल ने बढ़त बनाना शुरू किया जिसमें उन्होंने लगातार तीन शॉट 10-10 अंक के लगाए और 30-27 से आगे रहीं। तीसरे राउंड में दोनों प्लेयर्स के बीच फिर बराबरी का मुकाबला देखने को मिला जिसमें 29-29 अंक पर ये खत्म हुआ। चौथे राउंड को लेकर बात की जाए तो इसमें शीतल ने जहां कुल 28 अंक हासिल किए तो वहीं तुर्की की खिलाड़ी गिर्डी ने कुल 29 अंक अपने नाम किए। चार राउंड का खेल खत्म होने के बाद कुल स्कोर 116-114 था, जिसमें शीतल अभी भी 2 अंकों से आगे थी।

आखिरी राउंड में शीतल ने फिर दिखाया अपना कमाल
इस मैच के आखिरी राउंड पर सभी की नजरें टिकी हुई थी, जिसमें 18 साल की भारतीय पैरा आर्चरी महिला खिलाड़ी शीतल देवी का कमाल देखने को मिला और उन्होंने अपने तीन शॉट में कुल 30 अंक हासिल करने के साथ गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा कर लिया। पांचवां राउंड खत्म होने के बाद शीतल का स्कोर जहां 146 था तो वहीं तुर्की की खिलाड़ी ओजनूर क्यूर गिर्डी 143 अंकों के स्कोर के साथ सिल्वर मेडल ही जीतने में कामयाब हो सकी। शीतल इस इवेंट में बिना हाथों वाली एकमात्र पैरा तीरंदाज हैं और निशाना लगाने के लिए अपने पैरों और ठुड्डी का उपयोग करती हैं।

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