रायगढ़, 24 जनवरी2022/ किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के उद्धेश्य से प्रारंभ की गई शासन की राजीव गांधी किसान न्याय योजना राज्य के किसानों में कृषि के लिए नई ऊर्जा प्रदान कर रही है। छत्तीसगढ़ में अब किसान धान के साथ अन्य फसलों को भी प्राथमिकता दे रहे है। इसका मुख्य कारण शासन की राजीव गांधी किसान न्याय योजना है, जिसके तहत धान के बदले दलहन, तिलहन, वृक्षारोपण जैसे अन्य फसलों के रकबे में विस्तार के साथ किसानों को दी जाने वाली आदान राशि है। इससे किसानों को अपने फसल का दाम भी मिल रहा है और सरकार से आदान राशि भी। रसायनिक खाद से किसानों की निर्भरता कम करने में शासन की गोधन न्याय योजना भी महती भूमिका निभा रही है। जिससे किसान अब जैविक कृषि की ओर अग्रसर हो रहे है।
शासन द्वारा प्रारंभ की गई योजनाओं से कृषि क्षेत्र किस तरह फलीभूत हो रही है, इसका बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है विकासखंड पुसौर अन्तर्गत ग्राम सराईपाली निवासी 70 वर्षीय सफेद गुप्ता ने। उम्र के इस पड़ाव में कृषि के लिए यह उर्जा शासन की योजनाओं के फलस्वरूप मिला। श्री गुप्ता के पास 4.800 हेक्टेयर सिंचित भूमि है, जिसमें वे 1980 से कृषि कार्य है। पूर्व में संपूर्ण रकबे में धान की फसल ली जाती थी। समय के साथ श्री गुप्ता द्वारा अन्य फसलों को भी प्राथमिकता देना प्रारंभ किया। इस तरह उन्होंने दलहन, तिलहन और बागबानी फसलों को प्राथमिकता से उत्पादन किया। वर्ष 2021-22 खरीफ सीजन में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत उन्होंने 1.500 हेक्टेयर में अरहर की फसल वर्मी कम्पोस्ट के साथ जैविक कृषि किए। जिससे लागत घट गयी और मुनाफा बढ़ा और उन्हें 20 लाख रूपए प्राप्त हुए। श्री गुप्ता कहते है यह रकम उनके उम्मीद से अधिक थी। इसके अलावा उन्होंने खेतो में सिंचाई के लिए कृषि विभाग की नलकुप खनन योजना का लाभ लिया है। जिसमें ड्रिप सिंचाई का उपयोग कर सिंचाई करते है। शासन की गोधन न्याय योजना का लाभ श्री गुप्ता को मिल रहा है। श्री गुप्ता को कृषि से संबंधित तकनीकी एवं फसलों के उन्नत किस्मों की जानकारी में अत्याधिक रूचि है। जिसके लिए वे रेडियो व टेलीविजन के साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करते है। जिससे उन्हें उन्नत कृषि करने सहायता मिलने से अधिक लाभ प्राप्त करते है। इससे श्री गुप्ता की सामाजिक, आर्थिक स्थिति में निरंतर वृद्धि हो रही है।
जैविक कृषि है पहली प्राथमिकता, किसानों को कर रहे प्रोत्साहित
श्री गुप्ता कहते है उनकी पहली प्राथमिकता जैविक कृषि है। जैविक कृषि के फलस्वरूप लागत कम हो जाती है और लाभ अधिक मिलता है। श्री गुप्ता द्वारा अन्य किसानों को भी जैविक खाद व जैविक कीटनाशक, उन्नत कृषि यंत्रों के साथ कृषि के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिससे अन्य किसानों को भी लाभ उसका लाभ मिल सके।