Success Story: कहते हैं कि यदि दिल में कुछ कर गुजरने की क्षमता और दृढ़ संकल्प हो तो किसी भी विषम परिस्थिति में इंसान को सफलता मिल सकती है। बस आवश्यकता है मेहनत, धैर्य और अपने मन-मस्तिष्क पर काबू पाने की। इस कहावत को एकदम सच कर दिखाया है बिहार के सूरज कुमार ने जिन्होंने आईआईटी जैम में रैंक 54 प्राप्त किया है।
अब आप सोच रहे होंगे कि कई बच्चों ने इस तरह का कमाल कर दिखाया है तो सूरज की कहानी में ऐसा खास क्या है? तो हम आपको बताते हैं। दरअसल सूरज पिछले एक साल से अंडर ट्रायल कैदी के रूप में जेल में बंद हैं और जेल में रहते हुए ही सूरज ने ये सफलता प्राप्त की है। जी हैं! आपने बिल्कुल ठीक सुना सूरज ने जेल के विषम और अव्यवस्थित परिस्थिति में ही सफलता प्राप्त की है।
क्या है पूरा मामला?
सूरज बिहार के मोसमा गांव के निवासी हैं और फिलहाल नवादा जेल में बंद हैं। उन्हें 17 अप्रैल 2021 से ही जेल में बंद किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्च 2021 में मोसमा गांव में नाले के विवाद को लेकर दो गुटों के बीच हुई झड़प में संजय यादव की मौत हो गई और मृतक के पिता के बयान के आधार पर सूरज समेत 11 नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस सिलसिले में गिरफ्तार किए गए चार नामजद आरोपियों में सूरज भी शामिल था और यही कारण रहा कि सूरज को जेल में रहकर पढ़ना पड़ा।
जेल, जैम और सफलता!
23 वर्षीय सूरज ने कोटा में रहकर इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी की थी और 13 फरवरी को देशभर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) द्वारा आयोजित मास्टर्स के लिए ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट ( IIT JAM 2022) में 100 में से 50.33 अंक प्राप्त कर रैंक 54 बन गए सूरज कुमार। हालांकि इसका रिजल्ट 17 मार्च को घोषित कर दिया गया था लेकिन बीते बुधवार को ये मामला सबके सामने आया।
जेल में अधिकारियों की मदद से की पढ़ाई।
नवादा को एसडी उमेश कुमार भारती का कहना है कि नवादा जेल में 614 कैदियों को रखने की जगह है लेकिन वहां 1071 कैदी हैं। ऐसे शोरगुल और अव्यवस्थित जगह में पढ़ाई करना असंभव सा प्रतीत होता है लेकिन सूरज का मेंटल प्रेशर हैंडल करने का जज्बा अलग स्तर का है। उमेश सूरज की सफलता के लिए उनकी सराहना करते हैं और कहते हैं कि सूरज आगे पढ़ना चाहते हैं। सूरज ने जेल में रहते हुए भी अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और जेल अधिकारियों की मदद से गणित और अन्य विषयों की तैयारी की। तैयारी पूरी होने के बाद परीक्षा देने का निर्णय किया और परीक्षा का परिणाम सभी के सामने है।
सच ही है जहां चाह वहां राह। विषम परिस्थितियां व्यक्ति को केवल एक समय के लिए कमजोर कर सकती हैं लेकिन उनका मनोबल तोड़ नहीं सकती। आईआईटी जैम परीक्षा कोई साधारण या आसान परीक्षा नहीं है। यह मास्टर ऑफ साइंस और अन्य पोस्ट ग्रेजुएशन साइंस कार्यक्रमों में एडमिशन के लिए एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट है।