कर्नाटक के हिजाब विवाद को लेकर जुबानी जंग जारी है। अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता कल्लाडका प्रभाकर भट ने मेंगलोर यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में कहा कि शिक्षा संस्थाओं में ड्रेस कोड का पालन नहीं करने वाले विद्यार्थी देश छोड़ दें। उनकी इस टिप्पणी व अकबर को लेकर कई बातों का छात्र संघों ने विरोध किया है।
कल्लाडका ने बुधवार शाम मैंगलोर विश्वविद्यालय के मंगलगंगोत्री परिसर में स्नातकोत्तर छात्र परिषद का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। संघ नेता ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे धर्मनिरपेक्ष देश है। यह शांति और सद्भाव की भूमि है। शिक्षा संस्थानों द्वारा निर्धारित गणवेश पहनने से इनकार करने वाले विद्यार्थियों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे यहां के नियमों का पालन नहीं कर सकते हैं तो उन्हें देश छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का समृद्ध इतिहास है और मुगल राजा उस इतिहास का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने मुगल राजा अकबर को लेकर कुछ विवादित बातें भी कहीं।
सीएफआई और एसएफआई ने किया विरोध
भट की बातों का कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (CFI) और स्टुडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया (SFI) का विरोध किया। इन संगठनों ने उन्हें छात्र परिषद के उद्घाटन के लिए संघ नेता को बुलाने के लिए विश्व विद्यालय प्रशासन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भट को उत्तेजक भाषणों के लिए पहचाना जाता है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. यदापदित्या ने कहा कि संघ नेता भट को बुलाने का निर्णय स्नातकोत्तर विद्यार्थी परिषद का था न कि युनिवर्सिटी का। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के निर्णय का विरोध नहीं कर सकता।
हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसला दिया है। इसमें कहा गया है कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। इसके साथ ही शिक्षा संस्थाओं में तय गणवेश पहनने को जरूरी बताया है। हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। वहां मामला विचाराधीन है।