शुक्रवार की दोपहर छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों के संविदा विद्युत कर्मी अचानक अंबेडकर अस्पताल के पीछे जमा हो गए । पोस्टमार्टम करने की जगह मर्चुरी बिल्डिंग के बाहर जमा हुए इन संविदा कर्मचारियों को देखकर पुलिस भी सकते में आ गई। फौरन मौके पर आला अफसर पहुंचकर कर्मचारियों से बातचीत करने लगे । दरअसल कर्मचारियों की इसी जगह पर आंदोलन करने की तैयारी थी, वजह थी उनके साथी के साथ हुआ सड़क हादसा।
गुरुवार देर रात एक संविदा विद्युत कर्मी बलीराम की सड़क हादसे में मौत हो गई। बलीराम अपने दो साथियों के साथ माना इलाके में गया हुआ था । यहां उसके कुछ रिश्तेदार रहते हैं। लौटते वक्त पीछे से आ रही एक फॉर्च्यूनर कार ने उसे टक्कर मार दी । बाइक पर सवार बलीराम समेत तीनों युवक जमीन पर गिर पड़े और तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर उसको कुचलते हुए आगे निकल गई। बलीराम के साथ मौजूद युवकों ने बताया कि हम उसे बचाने की कोशिश करते हुए अस्पताल लेकर गए मगर उसकी मौत हो चुकी थी। उसने तड़पते हुए हमारी आंखों के सामने ही दम तोड़ा।
इस घटना के बाद अब संविदा विद्युत कर्मचारी बेहद गुस्से में हैं और इस गुस्से की वजह से यह सभी मर्चुरी के पोस्टमार्टम हाउस के पास जमा हो गए थे। पुलिस अफसरों के समझाने के बाद इन संविदा विद्युत कर्मियों का एक प्रतिनिधि मंडल प्रशासनिक अफसरों से मिलने को राजी हुआ। अब यह सभी मांग कर रहे हैं कि बलिराम कि इस मौत की वजह से परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए और 15 लाख रुपए की मुआवजा राशि जारी की जाए।
पिछले 30 दिनों से जारी है हड़ताल
पॉवर कम्पनी में कार्यरत 2500 विद्युत संविदा कर्मियों के नियमितीकरण एवं दुर्घटना में शहीद हुए 25 विद्युत संविदा कर्मियों के परिवार को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन छेड़ रखा है। प्रदेश के कोने कोने से विद्युत कम्पनी में कार्यरत संविदा कर्मी पिछले एक माह से रायपुर पहुंचकर धरना दे रहे हैं। बलीराम भी इस धरने में शामिल था।