केंद्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग एप्स को लेकर बड़ा फैसला लेने जा रही है। 1अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग कानून लागू होने जा रहा है। कानून लागू होने के बाद उन लोगों को थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है जो इंटरनेट पर ऑनलाइन गेम खेलते थे और उसमें पैसे लगाते थे।
IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को मीडिया से चर्चा कर के कहा कि 1अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 लागू होने जा रहा है। कानून को लागू करने से पहले सरकार सभी गेमिंग कंपनियों के साथ बैठकर चर्चा करेगी इससे पहले भी सरकार ने गेमिंग कंपनियों, बैंकों और अन्य हिस्सेदारों से कई बार चर्चा की है अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि सरकार पूरी तरह से चर्चा करके इसका हल निकालेगी अगर बात-चीत ठीक ठाक रहेगी तो कानून लागू करेंगे वरना अगर जरूरत पड़ी तो नियम लागू करने के लिए और समय भी दिया जा सकता है।
कौन कौन सी कंपनियों पर लगेगा प्रतिबंध
ऐप का नाम पैरेंट कंपनी लॉन्च वर्ष
ड्रीम11 ड्रीम स्पोर्ट्स 2008
माया11सर्कल गेम्स24×7 2019
मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) गैलेक्सस फनवेयर टेक्नोलॉजी प्रा. लि. 2018
मायटीम11 मायटीम11 फैंटेसी स्पोर्ट्स प्रा. लि. 2016
फैनफाइट फैनफाइट फैंटेसी स्पोर्ट्स प्रा. लि. 2017
11विक्टर्स एबिलिटी गेम्स प्रा. लि. 2018
ऐप का नाम पैरेंट कंपनी लॉन्च वर्ष
बल्लेबाजी बाजी गेम्स 2018
प्लेयरजपॉइंट प्लेयरजपॉइंट मीडिया प्रा. लि. 2016
हाउज़ट जंगली गेम्स 2019
फैंटेसी अखाड़ा फैंटेसी अखाड़ा प्रा. लि. 2020
विजन11 विजन11 फैंटेसी स्पोर्ट्स प्रा. लि. 2020
पेटीएम फर्स्ट गेम्स पेटीएम फर्स्ट गेम्स प्रा. लि. 2018
फैन2प्ले फैन2प्ले गेम्स प्रा. लि. 2020
फैंटेसी पावर 11 पेटीएम फर्स्ट गेम्स प्रा. लि. 2019
A23 (एएस23) हेड डिजिटल वर्क्स प्रा. लि. 2012
क्या कहते हैं नियम
कोई भी मनी बेस्ड गेम ऑफर करना, चलाना या प्रचार करना गैरकानूनी होगा। रियल-मनी गेम ऑफर करने या प्रचार करने पर 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना। विज्ञापन चलाने वालों को 2 साल की जेल और 50 लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। वहीं जो ऑनलाइन गेम खेल रहे और उसके प्रमोशन करने वाले खिलाड़ियों के लिए किसी भी प्रकार का प्रावधान नहीं है। वहीं एक विशेष अथॉरिटी बनेगी जो गेमिंग इंडस्ट्री को रेगुलेट करेगी, गेम्स को रजिस्टर करेगी और तय करेगी कि कौन सा गेम रियल-मनी गेम है। पबजी और फ्री फायर जैसे ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स (बिना पैसे वाले) को सपोर्ट किया जाएगा।
कब पास हुआ बिल
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में 20 अगस्त को बिल रखा इसके बाद इसे राज्यसभा में 21 अगस्त को फिर इसे 22 अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी इन नियमों का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग में पारदर्शिता लाना, जुए और सट्टेबाजी को रोकना और खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह कानून ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को नियंत्रित करने और इसके सकारात्मक पहलुओं को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है