प्रोविडेंट फंड (PF) सब्सक्राइबर्स के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने मेंबर पोर्टल पर एक नया फीचर पेश किया है। जिसका नाम “पासबुक लाइट” है। इस बात की जानकारी गुरुवार को केंद्रीय मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने दी है। इसका उद्देश्य सदस्यों को कुशल, पारदर्शी और यूजर फ्रेंडली सर्विस प्रदान करना है। एक क्लिक में पीएफ मेंबर्स को अकाउंट से जुड़ी सारी जानकारी मिलेगी।
पासबुक लाइट के जरिए सदस्य बिना पासबुक पोर्टल पर जाए आसानी से प्रारूप में विथ्ड्रॉल, बैलेंस, अंशदान और अपने पासबुक की संक्षिप्त जानकारी देख पाएंगे। उन्हें अलग-अलग पोर्टल पर लॉग इन नहीं करना पड़ेगा। इस सुविधा से करोड़ों पीएफ मेंबर्स को फायदा होगा।
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उपयोगकर्ता अनुभव, शिकायतों में कमी और ट्रांसपेरेंसी सुधार सुधार होने की उम्मीद है। ग्राफिकल डिस्प्ले सहित पासबुक की डिटेल जानकारी के लिए मेंबर्स मौजूद पासबुक पोर्टल का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं। इस फैसले से पासबुक पोर्टल का भार भी कम होगा।
ट्रांसफर सर्टिफिकेट एक्सेस में भी बदलाव
ईपीएफओ फोन एक और बड़ा बदलाव किया है। अब अब पीएफ सदस्य आसानी से ऑनलाइन ट्रांसफर सर्टिफिकेट को पीडीएफ़ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं। वर्तमान में जब भी कोई कर्मचारी अपनी जॉब बदलता है, तो उसे पीएफ अकाउंट पीएफ ऑफिस और फॉर्म 13 के लिए के जरिए नए नियोक्ता तक ट्रांसफर करना पड़ता है।ट्रांसफर के बाद एक ट्रांसफर सर्टिफिकेट जनरेट होता है, जो पुराना ऑफिस नए ऑफिस को भेजता है। लेकिन अब मेंबर्स डायरेक्ट मेंबर पोर्टल पर जाकर ट्रांसफर सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं, जबकि पहले इसके लिए रिक्वेस्ट करना पड़ता था।
इससे ट्रांसफर एप्लीकेशन की के स्टेटस को ऑनलाइन ट्रैक करने में मदद मिलेगी। पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। मेंबर्स आसानी पीएफ ट्रांसफर को सत्यापित कर पाएंगे। बैलेंस और सेवा अवधि के सही ढंग से अपडेट होने की पुष्टि होगी। एक स्थायी डिजिटल रिकॉर्ड कर मेंटेनेंस होगा।
क्लेम सेटलमेंट के लिए प्रोसेसिंग टाइम हुआ कम
EPFOईपीएफओ ने प्रोसेसिंग टाइम कम के लिए बड़ा फैसला लिया है। पीएफ सेवाओं के निपटान का अधिकार का अधिकार सहायक आयुक्तों और अधीनस्थ स्तरों को सौंपी गई है, जो पहले आरपीएफसी या प्रभारी अधिकारी के पास होता था। इससे क्लेम सेटेलमेंट फास्ट होगा और प्रोसेसिंग टाइम में कमी आएगी। सुचारू सेवा वितरण के लिए एक सरलीकृत अनुमोदन स्तर सुनिश्चित किया जाएगा। क्षेत्रीय कार्यालय लेवल पर बेहतर जवाबदेही होगी। वर्तमान में ईपीएफओ को किसी भी सेवा जैसे कि पीएफ ट्रांसफर, निपटा, एडवांस और रिफंड के लिए उच्च स्तरीय अधिकारियों से अनुमोदन की जरूरत पड़ती है। जिसके कारण मेंबर्स के क्लेम में देरी होती है और प्रोसेसिंग टाइम लंबा होता है।