छत्तीसगढ़ में आने वाले चार दिनों तक (Weather Forecast Chhattisgarh) गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा (light to moderate rain) का दौर जारी रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार इसके बाद बारिश की तीव्रता और बढ़ेगी। मानसून (Monsoon in India) अभी सक्रिय है और प्रदेश के कई हिस्सों में बादल छाए रहेंगे।
छत्तीसगढ़ में दर्ज वर्षा की तीव्रता एवं माप
पिछले 24 घंटों में प्रदेश के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई। बिलाईगढ़ में 3 सेमी, रामचन्द्रपुर में 2 सेमी और बिहारपुर में 1 सेमी बारिश हुई। वहीं रायपुर में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और दुर्ग में न्यूनतम तापमान 21.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
सिनॉप्टिक सिस्टम क्या कहता है?
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा (Southwest Monsoon withdrawal line) पंजाब से होते हुए गुजरात तक जा रही है। इसके साथ ही, उत्तर-पूर्व उत्तर प्रदेश और बिहार के ऊपर बने ऊपरी वायु चक्रवातीय परिसंचरण (Cyclonic circulation) से लेकर मध्यप्रदेश और विदर्भ तक द्रोणिका सक्रिय है। उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश में भी एक ऊपरी वायु चक्रवाती परिसंचरण 1.5 किमी ऊंचाई तक प्रभाव डाल रहा है। इन सिस्टम्स के चलते छत्तीसगढ़ में बारिश और गरज-चमक की गतिविधियां बनी रहेंगी।
अगले 24 घंटों का पूर्वानुमान
कल यानी 22 सितंबर को भी प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश (Rain in Chhattisgarh) की संभावना है। रायपुर शहर में आकाश आंशिक मेघमय रहेगा और गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।
अलर्ट और चेतावनी
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश के कई जिलों (जैसे सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, धमतरी, बालोद, रायपुर, जशपुर, दुर्ग, बेमेतरा और राजनांदगांव) में गरज-चमक, बिजली गिरने और 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है। कुछ स्थानों पर वज्रपात (Lightning strike risk) का खतरा भी बना रहेगा।
लोगों के लिए जरूरी सावधानियां
गरज-चमक के दौरान खुले स्थानों पर खड़े न हों।
मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल बारिश में कम से कम करें।
खेतों में काम कर रहे किसानों को सलाह है कि वे आकाशीय बिजली से बचाव के उपाय अपनाएं।
तेज हवाओं के दौरान पेड़ों और पुराने खंभों के नीचे न खड़े हों।?
कृषि पर असर
Chattisgarh daily newsलगातार हो रही बारिश खरीफ फसलों (Kharif crops) के लिए राहत भरी है। धान की फसल को इससे सीधी सिंचाई मिल रही है। हालांकि, जिन इलाकों में लगातार तेज बारिश होगी, वहां जलभराव (waterlogging) की समस्या खड़ी हो सकती है।
दो दिनों बाद बारिश और बढ़ सकती है और प्रदेश के कई हिस्सों में मध्यम से भारी वर्षा (Heavy rainfall alert) दर्ज की जाएगी। इसका असर खासतौर पर बस्तर संभाग और उत्तरी छत्तीसगढ़ के जिलों में देखने को मिलेगा।