लद्दाख में स्थिति समान्य होने तक बातचीत में नहीं होंगे शामिल’, लेह एपेक्स बॉडी ने सरकार से किया साफ मना

लद्दाख में स्थिति समान्य होने तक बातचीत में नहीं होंगे शामिल’, लेह एपेक्स बॉडी ने सरकार से किया साफ मना

लेह एपेक्स बॉडी’ (LAB)ने सोमवार को घोषणा की कि वह लद्दाख में सामान्य स्थिति बहाल होने तक गृह मंत्रालय की उच्चाधिकार प्राप्त समिति के साथ बातचीत नहीं करेगा। ‘लेह एपेक्स बॉडी’ के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हम सर्वसम्मति से इस बात पर सहमत हुए हैं कि मौजूदा स्थिति के मद्देनजर जब तक लद्दाख में शांति बहाल नहीं हो जाती, हम किसी भी वार्ता में भाग नहीं लेंगे।’

गृह मंत्रालय से की खास अपील
उन्होंने कहा, ‘हम गृह मंत्रालय, केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन और प्रशासन से आग्रह करेंगे कि वे वहां व्याप्त भय, शोक और आक्रोश के माहौल को दूर करने के लिए कदम उठाएं।’

24 सितंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन
राज्य का दर्जा और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग पर केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए ‘लेह एपेक्स बॉडी’ (LAB) द्वारा आहूत बंद के दौरान 24 सितंबर को व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए।

50 से ज्यादा लोग लिए गए हिरासत में
प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़पों में चार लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए, जबकि दंगों में कथित संलिप्तता के आरोप में 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया।

जानिए क्यों हो रहा आंदोलन
आंदोलन का मुख्य चेहरा, कार्यकर्ता वांगचुक को भी कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लिया गया। केंद्र ने चार महीने तक वार्ता बंद रहने के बाद 20 सितंबर को एलएबी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) को आमंत्रित किया था, जो केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के विस्तार के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।

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