मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना की सराहना करते हुए कहा कि दूरस्थ अंचल के हाट-बाजारों में भी नियमित रुप से क्लीनिक लगाए जाएं ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने भिलाई स्थित चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अधिग्रहण के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की तरह सिकलसेल की जांच और उपचार के लिए भी अभियान की कार्ययोजना बनाने कहा। स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी ने बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री योजना, डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत पिछले चार साल में प्रदेश के अस्पतालों को कुल 493 करोड़ रूपए से अधिक के इलाज के दावों का भुगतान किया गया है।
वर्ष 2019 में 142.47 करोड़, 2020 में 50.19 करोड़, 2021 में 114.31 करोड़ और 2022 में 186.40 करोड़ का भुगतान सरकारी अस्पतालों को किया गया है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना से 2021-22 में प्रदेश में 15.23 लाख लोगों का इलाज किया गया है। इस दौरान 1657 हाट-बाजारों में कुल 36 हजार से अधिक क्लिनिकों का आयोजन किया गया था। उन्होंने बताया कि चालू अप्रैल माह में 178 अतिरिक्त हाट-बाजारों में क्लिनिकों का संचालन शुरू किया गया है।
वर्तमान में कुल 1835 हाट-बाजारों में योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत कई क्लिनिकों में मोतियाबंद और टीबी की स्क्रीनिंग भी की जा रही है। समीक्षा बैठक में एसीएस सुब्रत साहू, सिद्धार्थ कोमल परदेशी और डॉ. एस भारतीदासन, उपसचिव सौम्या चौरसिया, शहला निगार, डॉ. सीआर प्रसन्ना, नीरज बंसोड़, डॉ. विष्णु दत्त, डॉ. प्रियंका शुक्ला और अभिजीत सिंह भी बैठक में उपस्थित थे।
पहली बार हो रही विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 30 वर्षों के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती की जा रही है। पीएससी से विशेषज्ञ चिकित्सकों के 641 पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। वर्ष 2020 में पदोन्नति के माध्यम से 213 विशेषज्ञ चिकित्सक नियुक्त किए गए थे। पदोन्नति के जरिए अभी 240 और नियुक्ति प्रक्रियाधीन है।
चिकित्सा सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए जनवरी-2019 के बाद से अब तक 1820 चिकित्सा अधिकारियों और 558 स्टॉफ नर्सों की भर्ती की गई है। साथ ही 509 एमबीबीएस अनुबंधित डॉक्टर भी विभिन्न सरकारी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं।
बैठक की खास बातें
- कांकेर मेडिकल कॉलेज में नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा 125 सीटों पर प्रवेश की अनुमति
- कोरबा और महासमुंद में नए मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन का आबंटन
- शासन द्वारा तीनों नए मेडिकल कॉलेजों के सेट-अप मंजूर, भर्ती प्रक्रिया जारी
- चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 1041 पदों के सेट-अप की स्वीकृति