छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के लगाए IED बम में धमाका होने से महिला कांस्टेबल घायल हो गईं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह घटना आज दोपहर करीब एक बजे हुई जब केरलापाल पुलिस थाने की सीमा के तहत नए बने गोगुंडा शिविर से जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और जिला बल का संयुक्त दल अभियान पर निकला था।
महिला कांस्टेबल को लगी चोट
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान जिला बल की आरक्षक मुचाकी दुर्गा गलती से IED बम के संपर्क में आ गईं, जिससे उसमें विस्फोट हो गया। इससे उनके बाएं पैर में चोट लग गई। अधिकारी ने बताया कि उनका प्राथमिक उपचार करने के बाद, उन्हें रायपुर ले जाया जा रहा है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
पहले भी हुए हैं इस तरह के हादसे
माओवादी अक्सर बस्तर इलाके के अंदरूनी इलाकों में गस्त के दौरान सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए जंगल में सड़क और कच्चे रास्तों पर बारूदी सुरंग लगाते हैं। बस्तर इलाके में सुकमा समेत सात ज़िले हैं। इस इलाके में पहले भी आम लोग माओवादियों के बिछाए ऐसे जाल का शिकार हो चुके हैं। इस साल 9 जून को सुकमा ज़िले में एक पत्थर की खदान में नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED के फटने से एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ़ पुलिस (कोंटा डिवीज़न) आकाश राव गिरेपुंजे की मौत हो गई थी जबकि दो अधिकारी घायल हो गए। बता दें कि केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश को नक्सल समस्या से मुक्त करने का संकल्प लिया है।
20 लाख के इनामी नक्सली दंपति ने किया आत्मसमर्पण
उधर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) जिले में बुधवार को कुल 20 लाख रुपये के इनामी नक्सली दंपति ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नक्सलियों की पहचान धनुष उर्फ मुन्ना (25) और उसकी पत्नी रोनी उर्फ तुले (25) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि मुन्ना पर 14 लाख रुपये और तुले छह लाख रुपये का इनाम घोषित था। अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के माड़ डिविजन, बस्तर, और एमएमसी (मध्यप्रदेश–महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़) जोन से जुड़े ये नक्सली टांडा मलाजखंड क्षेत्र में सक्रिय थे और कई नक्सली वारदातों में लिप्त रहे।














