लग्जरी कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे लोगों के लिए बुरी खबर है. नए साल के साथ Mercedes-Benz India अपनी गाड़ियों के दाम बढ़ाने जा रही है. कंपनी ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की है कि 1 जनवरी 2026 से उसकी सभी कारें 2% तक महंगी हो जाएंगी. यह बढ़ोतरी कंपनी की पूरी रेंज—CBU और लोकल असेंबल्ड दोनों मॉडल्स—पर लागू होगी.
Mercedes-Benz साल 2026 के लिए प्राइस हाइक अनाउंस करने वाली पहली लक्जरी ऑटोमेकर बन गई है. कंपनी ने इस फैसले के पीछे मटेरियल कॉस्ट, इन्फ्लेशन, लॉजिस्टिक्स और लगातार बढ़ते फॉरेक्स प्रेशर को बड़ी वजह बताया है.
Mercedes-Benz: 2026 से 2% तक बढ़ाएगी कीमतें
Mercedes-Benz India ने बताया कि 1 जनवरी 2026 से उसकी कारों की कीमतों में अधिकतम 2% तक का इजाफा होगा. कंपनी का कहना है कि ये “प्राइस करेक्शन” 2025 के दौरान जारी रहे फॉरेन एक्सचेंज प्रेशर को दर्शाता है, जिसने पूरे लक्जरी ऑटो सेक्टर को प्रभावित किया है.
Euro लगातार INR 100 के ऊपर ट्रेड कर रहा है, जिससे इम्पोर्ट कॉस्ट में भारी बढ़ोतरी हो गई है. ये कंपनियों के लिए एक बड़ा आर्थिक दबाव बन गया है, खासकर तब जब कई कंपोनेंट्स विदेशों से आते हैं.
Mercedes-Benz की गाड़ियां क्यों हो रही हैं महंगी?
कंपनी ने प्राइस हाइक की कई बड़ी वजहें बताई हैं—
1. विदेशी मुद्रा (Forex) प्रेशर
2025 में यूरो लगातार 100 रुपये से ऊपर रहा, जिससे कंपनी पर इंपोर्ट कॉस्ट का बड़ा दबाव पड़ा. Mercedes-Benz भारत में कई कारें CBU के रूप में लाती है और कई कम्पोनेंट्स विदेशों से इंपोर्ट भी किए जाते हैं. ऐसे में फॉरेक्स क्राइसिस सीधा लागत बढ़ाता है.
2. इम्पोर्टेड कंपोनेंट्स की लागत बढ़ी
कंपनी का कहना है कि लोकल असेंबली के लिए जो पार्ट्स इंपोर्ट होते हैं, उनकी कीमतें काफी बढ़ गई हैं. इससे प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ी है
3. लॉजिस्टिक और इनपुट कॉस्ट में उछाल
2025 में कमोडिटी प्राइस, शिपिंग और लॉजिस्टिक्स खर्च लगातार बढ़े हैं. इससे वाहन बनाने की कुल लागत में भारी वृद्धि दर्ज की गई है.
4. महंगाई का असर
मैन्युफैक्चरिंग से लेकर मार्केटिंग तक, हर स्तर पर इन्फ्लेशन ने कंपनी के संचालन खर्च को बढ़ाया है.
Mercedes-Benz का कहना है कि लोकलाइजेशन बढ़ाकर कंपनी कई खर्च खुद वहन कर रही है, जिससे ग्राहकों पर पूर्ण प्रभाव नहीं पड़ने दिया गया. लेकिन लगातार बढ़ती लागत के कारण अब selective price increase अनिवार्य हो गया है.
Mercedes-Benz ने क्या कहा?
Mercedes-Benz Indiaके MD और CEO संतोष अय्यर ने कहा कि करेंसी हेडविंड्स इस साल अपेक्षा से ज्यादा समय तक रहे. यूरो लगातार 100 रुपये से ऊपर रहा जिससे इंपोर्टेड कंपोनेंट्स और CBU मॉडल्स पर लागत काफी बढ़ गई. इनपुट कॉस्ट, लॉजिस्टिक्स और इन्फ्लेशनरी प्रेशर ने हमारे कुल कॉस्ट स्ट्रक्चर को प्रभावित किया है.
उन्होंने आगे कहा कि RBI की लगातार रेपो रेट कटौती से मर्सिडीज बेंज फाइनेंशियल सर्विसेज ग्राहकों को फायदा दे पा रहा है, जिससे प्राइस हाइक का असर कुछ हद तक कम होगा.
नए साल में लग्जरी कार खरीदना पड़ेगा महंगा
अगर आप Mercedes-Benz खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो दिसंबर 2025 आपके लिए बेस्ट टाइम है. 1 जनवरी 2026 से सभी मॉडल महंगे हो जाएंगे और ग्राहकों को आपकी पसंदीदा लक्जरी कार के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे.
FAQs (आपके लिए जरूरी सवाल)
1. Mercedes-Benz अपनी कारों की कीमत कब बढ़ा रही है?
कंपनी 1 जनवरी 2026 से कीमतों में 2% तक की बढ़ोतरी लागू करेगी.
2. कीमत बढ़ाने की वजह क्या है?
बढ़ती इनपुट कॉस्ट, फॉरेक्स प्रेशर, लॉजिस्टिक्स खर्च और इन्फ्लेशन प्रमुख कारण हैं.
3. क्या सभी Mercedes मॉडल महंगे होंगे?
हाँ, CBU और लोकल असेंबल्ड दोनों मॉडल्स पर प्राइस हाइक लागू होगा.
4. कितना बढ़ेगा कीमतों में इजाफा?
अधिकतम 2% तक का प्राइस हाइक लागू होगा.
5. क्या ग्राहकों को EMI में राहत मिलेगी?
Mercedes-Benz Financial Services, RBI द्वारा Repo Rate कटौती से मिले लाभ को ग्राहकों तक पहुंचाएगी, जिससे प्राइस हाइक का असर कुछ कम हो सकता है














