अगर आपने ज्यादा रिफंड के चक्कर में कुछ फर्जी या गलत क्लेम कर दिया है, तो आयकर विभाग आपके ऊपर पेनल्टी लगा सकता है। आयकर विभाग ने साफ संकेत दिए हैं कि अगर किसी ने झूठी जानकारी देकर रिफंड बढ़वाने की कोशिश की तो उसको रिफंड नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं उसके ऊपर 200 प्रतिशत पेनल्टी भी लगाई जाएगी।
दरअसल पिछले कुछ महीनों में आयकर विभाग ने जांच में पाया कि कुछ एजेंटों ने सैलरीड कर्मचारियों से लेकर फ्रीलांसरों तक को ज्यादा रिफंड के लालच में ITR में झूठे डिडक्शन भरवा दिए हैं। अब आयकर विभाग उन सभी फाइलों पर कार्रवाई कर रहा है।
किस पर लगेगा कितना जुर्माना?
आयकर कानून की धारा 270A के तहत अगर किसी ने ‘अंडर-रिपोर्टिंग’ की है, यानी आय कम दिखाई है, तो 50% तक पेनल्टी लग सकती है, लेकिन ‘मिस-रिपोर्टिंग’ यानी जानबूझकर फर्जी डिडक्शन या झूठी जानकारी देने पर टैक्स का 200% तक जुर्माना लग सकता है। कई मामलों में इसके साथ 24% सालाना ब्याज और धारा 276C के तहत आपराधिक मुकदमे की भी संभावना है, जिसका नतीजा जुर्माने के साथ जेल तक हो सकता है।
करदाता देते हैं ऐसे बहाने
आयकर विभाग ने बताया कि झूठे क्लेम पकड़े जाने के बाद करदाता कई बहाने देते हैं। हालांकि अब ‘एजेंट ने कर दिया’, या ‘CA ने गलत सलाह दी’ जैसी दलील अब करदाताओं का बचाव नहीं बन पाएगी।कानून के मुताबिक रिटर्न पर नाम टैक्सपेयर का होता है, इसलिए गलत जानकारी की पूरी जिम्मेदारी भी उसी की मानी जाएगी और पेनल्टी/जेल की कार्रवाई उसी पर होगी।
बता दे किं वित्त मंत्रालय ने एक टारगेटेड ‘नज’ (NUDGE) कैंपेन शुरू किया गया है। इसके तहत टैक्सपेयर्स को अपने ITR अपडेट करने और अगर कोई गलत क्लेम हो तो उसे हटाने का मौका दिया जा रहा है। ऐसे टैक्सपेयर्स को 12 दिसंबर 2025 से उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल ID पर SMS और ईमेल एडवाइजरी भेजी जा रही है। अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं, तो आपको भी अलर्ट मैसेज आएगा














