रायगढ़, 25 दिसम्बर 2025/ भारत रत्न, देश के पूर्व प्रधानमंत्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती के अवसर पर आज जिले भर में सुशासन दिवस श्रद्धा और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित अटल चौक में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। जनप्रतिनिधियों, समाज सेवियों एवं आम नागरिकों ने अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया और उनके योगदान को स्मरण किया। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का सपना था कि शासन और जनता के बीच की दूरी कम हो तथा योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। सुशासन दिवस इसी विचारधारा का प्रतीक है, जो पारदर्शी, जवाबदेह और संवेदनशील प्रशासन की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

कार्यक्रम में भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की दूरगामी सोच और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से गांव-गांव को पक्की सड़कों से जोड़ने का जो सपना अटल जी ने देखा था, वह आज साकार हो रहा है। इन सड़कों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों का सामाजिक और आर्थिक विकास तेज हुआ है। साथ ही, उनके नेतृत्व में किए गए परमाणु परीक्षणों ने भारत को विश्व पटल पर एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। सुशासन दिवस के अवसर पर अटल चौक में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान शासन की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम नागरिकों को दी गई। कार्यक्रम का उद्देश्य अटल बिहारी वाजपेयी जी के आदर्शों को आत्मसात करते हुए सुशासन की भावना को जन-जन तक पहुंचाना रहा, जिसमें जिला प्रशासन सफल नजर आया।

*सुशासन सप्ताह-प्रशासन गाँव की ओर ग्राम पंचायतों में आयोजित शिविर में लोगों को मिला त्वरित समाधान*
राज्य शासन के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश के साथ रायगढ़ जिले में भी सुशासन दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें सुशासन सप्ताह-प्रशासन गाँव की ओर के तहत जिले में 19 से 25 दिसंबर तक ग्राम पंचायतों में विशेष शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में ग्रामीण सीधे अपने आवेदन लेकर आए और सरकारी सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। यह पहल प्रशासन और जनता के बीच विश्वास और पारदर्शिता को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। शिविरों में नागरिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया गया। शिविर के माध्यम से ग्रामीणों को लंबी कतारों में खड़े होने या दूरस्थ कार्यालयों तक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ी। हर दिन बड़ी संख्या में लोग शिविर में पहुँचकर अपने आवेदन जमा किए। इससे न केवल समय की बचत हुई बल्कि प्रशासन पर जनता का भरोसा भी बढ़ा।















