एशियाई देश ताइवान में भूकंप के भीषण झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.0 मापी गई है। शनिवार देर रात ताइवान के उत्तर-पूर्वी तटीय शहर यिलान से लगभग 32 किमी (20 मील) दूर 7.0 तीव्रता का ये भूकंप आया है।
जानकारी के मुताबिक, भूकंप के झटके इतने भयानक थे कि ताइवान की राजधानी ताइपे में कई इमारतें हिल गईं। इस भूकंप की गहराई 73 किमी (45 मील) थी। खबर लिखे जाने तक नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं मिल सकी है लेकिन नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
ताइपे शहर की सरकार के मुताबिक, भूकंप से फिलहाल किसी नुकसान की खबर सामने नहीं आई है लेकिन यिलान में 3,000 से ज़्यादा घरों में कुछ समय के लिए बिजली चली गई थी।
ताइवान में क्यों आता है भूकंप?
बता दें कि ताइवान में इसलिए भीषण भूकंप आता है क्योंकि ये 2 टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है और यहां हमेशा भूकंप का खतरा बना रहता है।
2016 में भी आया था भीषण भूकंप
ताइवान में 2016 में भी भीषण भूकंप आया था। दक्षिणी ताइवान में आए भूकंप में 100 से ज़्यादा लोग मारे गए थे, जबकि 1999 में 7.3 तीव्रता के भूकंप में 2,000 से ज़्यादा लोग मारे गए थे। ऐसे में ताइवन भूकंप को लेकर सबसे ज्यादा अलर्ट देशों में से एक है। यहां के इतिहास को देखते हुए भूकंप को लेकर ज्यादा सावधानियां बरती जाती हैं।
फिलीपीन सागर में भी आया भूकंप
एक खबर ये भी है कि फिलीपीन सागर में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। यहां भूकंप की तीव्रता 6.6 मापी गई है। भूकंप की गहराई 65 Km थी।
क्यों आता है भूकंप?
भूकंप आने का मुख्य कारण प्लेट टेक्टॉनिक्स (प्लेट विवर्तनिकी) है। दरअसल पृथ्वी की ऊपरी परत (क्रस्ट) बड़ी-बड़ी प्लेटों में बंटी है, जो धीरे-धीरे (कुछ सेंटीमीटर प्रति वर्ष) चलती है और एक-दूसरे से टकराती हैं। इससे संग्रहित ऊर्जा जब तेजी से बाहर निकलती है तो जमीन हिलती है। इसे ही भूकंप कहा जाता है।















