प्रदेश में अंधड़ चलने की शुरुआत हो चुकी है। 24 दिनों बाद मानसून भी दस्तक दे सकता है। इसके पहले प्री मानसून बारिश होगी। इसमें सबसे ज्यादा अंधड़ चलती है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में मई में 150 व जून में सबसे ज्यादा 308 से ज्यादा अंधड़ चलती है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के अनुसार इससे हर साल 10 से 12 करोड़ की संपत्ति को नुकसान पहुंचता है। मौसम विभाग अंधड़ का पूर्वानुमान जरूर जारी करता है, लेकिन संपत्तियों को बचाने का कोई उपाय नहीं किया जा सकता।
प्रदेश में अप्रैल से तापमान बढ़ने के साथ अंधड़ यानी तेज हवा चलने की शुरुआत हो जाती है। जब गर्मी ज्यादा हो तब अंधड़ चलने की शुरुआत होती है। इसकी गति अचानक बढ़ती है। यह 30 किमी से लेकर 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। ये अपने रास्तों में आने वाली कमजाेर दीवार से लेकर मजबूत पेड़-पाैधों को उखाड़ देता है।
यही नहीं, मकानों के टीन शेड भी पत्तों की तरह उड़ जाते हैं। सबसे ज्यादा अंधड़ कहां चलेगी, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि जब-जब तेज गर्मी पड़ेगी, तब अंधड़ चलेगी। अप्रैल से 17 मई तक रायपुर में 7 से ज्यादा अंधड़ चल चुकी है।
इस दौरान राजधानी के कई इलाके 5 से 12 घंटे तक अंधेरे में डूबे रहे। हाल ही में बिलासपुर में चली अंधड़ के कारण 132 केेवी लाइन का बड़ा टॉवर गिर गया था। इससे 70 गांवाें में 24 घंटे से ज्यादा अंधेरा छाया रहा।
ऐसे मिले आंकड़े
मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर ने रायपुर में 30 साल की स्टडी के अनुसार अंधड़ के आंकड़े निकाले हैं। इस पर पहले स्टेशन डायरेक्टर रहे एमएल साहू ने रायपुर में मौसम शीर्षक से एक किताब भी लिखी है। इसमें अंधड़ समेत दूसरे आंकड़े बताए गए हैं। वैसे गर्मी से लेकर ठंड, बारिश, ओले व कोहरा 30 साल की स्टडी के बाद औसत आंकड़े निकाले जाते हैं।
विभाग के अनुसार प्री मानसून में सबसे ज्यादा अंधड़ चलने की आशंका
मानसून बारिश या प्री मानसून में बिजली कड़कने के साथ बादलों की जोरदार गर्जना होती है। इस दौरान तेज हवा चलती है। तेज हवा लगातार चलती रहे तो इसे आंधी कहा जाता है। इसकी रफ्तार 75 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। 30 साल की स्टडी में मई व जून में आंधी चलने का औसत एक-एक दिन है।
द्रोणिका के दो सिस्टम: उत्तर से आने वाली हवा कमजोर इसलिए अधिकतम पारा गिरेगा
उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली हवा की प्रबलता कम हो रही है। इसलिए अधिकतम तापमान गिरेगा। साथ ही द्रोणिका के दो सिस्टम बने हैं। इसके असर से 18 मई को एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की वर्षा हो सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र लालपुर के मौसम विज्ञानियों के अनुसार एक द्रोणिका विदर्भ से केरल तक 0.9 किमी व दूसरी द्रोणिका उत्तर-पश्चिम राजस्थान से असम तक 0.9 किमी की ऊंचाई पर स्थित है। दक्षिण से आने वाली हवा नमीयुक्त है। इसलिए प्रदेश के कुछ इलाकों में बादल छाए हैं। दूसरी तरफ रायपुर समेत दूसरे इलाकों में अधिकतम तापमान 1 से 4 डिग्री तक बढ़ गया है। वहीं न्यूनतम तापमान 1 से 3.6 डिग्री तक बढ़ा है।
जब ज्यादा गर्मी पड़ती है, तब अंधड़ चलने की संभावना बढ़ जाती है। इसमें एक स्टडी भी की गई है। सबसे ज्यादा अंधड़ जून में चलती है। इसका नुकसान भी होता है। अंधड़ आए तो लोगों को कमजोर मकान या पेड़ के नीचे खड़े होने से बचना चाहिए।