*रायगढ़* । खरसिया के तुर्रीभाठा बाईपास रोड पर दिनांक 08.06.2022 को एक पिकअप वाहन से रूपयों भरा बैग की उठाईगिरी हुई थी । वाहन का चालक कल दिनांक 14.06.2022 को चौकी खरसिया आकर उठाईगिरी की घटना चौकी प्रभारी नंद किशोर गौतम को बताया, चौकी प्रभारी द्वारा घटना की तस्दीकी कर तत्काल अपने सूत्रों को उठाईगिरी की जानकारी देकर सूचना देने निर्देशित किये, कुछ ही देर बाद चौकी प्रभारी को उनके सक्रिय मुखबिर द्वारा अटल आवास में रहने वाले एक लड़के को कुछ दिनों से काफी रूपये खर्च करने की जानकारी दिया । चौकी प्रभारी संदेही को हिरासत में लेकर एक-एक कर प्रश्नों के बौछार कर वैज्ञानिक तरीकों से पूछताछ किये जिस पर संदेही दिनांक 08.06.2022 को तुर्रीभाठा बाईपास रोड चुहडमल के गोदाम के पास खड़ी पिकअप वाहन से एक कपड़े का बैग, ब्लैंककेट व कपडे की चोरी करना स्वीकार किया और बताया कि बैग में उसे 78,000 रूपये नकद मिला जिसमें 9 हजार रूपये का पोको मोबाइल खरीदा, 10,000 रूपये पिछले 6 दिनों में खाने-पीने में खर्च कर देना बताया । शेष *रकम 59,000 रूपये, एक पोको मोबाइल, कपडे का बैग, एक ब्लैंककेट, कपड़े* को पुलिस टीम द्वारा बरामद किया गया है जिसे प्रार्थी/पिकअप वाहन के ड्रायवर पहचान करने पर पहचान किया । संदेही विधि के साथ संघर्षरत अपचारी बालक है जिसे चोरी के अपराध में आज किशोर न्याय बोर्ड रायगढ़ के समक्ष पेश किया जावेगा । मामले में त्वरित कार्रवाई करने में चौकी प्रभारी खरसिया उप निरीक्षक नंद किशोर गौतम, प्रधान आरक्षक अशोक देवांगन, आरक्षक सोहन यादव की सराहनीय भूमिका रही है ।
घटना के संबंध में रिपोर्टकर्ता पिकअप वाहन का ड्रायवर मनोज क्षत्री (42 साल) निवासी खेदामारा , जिला – दुर्ग बताया कि भिलाई के रविकल पाल का पिकअप क्रमांक सीजी-24-एफ-7720 को चलाता है । रविकल पाल का सोनपापडी का छोटा उद्योग है । दिनांक 08.06.22 को पिकअप मे सोनपापडी लोडकर सक्ती गया था । साथ में सुपरवाईजर भरत कुमार बारले भी था । सोनपापडी सक्ती में खाली किये सक्ती वाले दुकानदार ने 78,000 रू सोनपापडी का दिया था । उसको अपने कपडे का बेग में रखकर बैग को पिकअप सीट में रख दिया । उसके बाद पिकअप चलाते खरसिया तुर्रीभाठा बाईपास रोड चुहडमल के गोदाम में सोनपापडी खाली करने गये थे । दोपहर करीब 3.00 बजे गाडी खाली कर रहे थे । उसी दौरान कोई कपड़े वाले बैग, एक ब्लन्केट, हाफ पेंट कोई चोर चोरी कर ले गया था । आसपास पता लगाये रकम से कोई पता नही चला तो वापस दुर्ग लौट गये थे । मालिक को रूपयों के चोरी की जानकारी दिए जो रिपोर्ट कराने कहने पर रिपोर्ट कराने आया ।