शनि दोष: लोग शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करते हैं और शनि दोष को दूर करने के लिए हर मुमकिन उपाय भी करते हैं. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, सूर्य देव के पुत्र शनि देव का दूसरा घर मकर राशि को माना जाता है.
मान्यता है कि शनिवार के दिन यदि काले तिल से शनि देव का पूजन किया जाए तो सारे कष्ट दूर हो सकते हैं. अगर किसी की कुंडली में शनि दोष हो तो शनिदेव की पूजा अर्चना कर उस दोष को भी दूर किया जा सकता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ मंत्र भी हैं, जिनके जप करने से शनिदेव की कृपा बरस सकती है. आज का हमारा लेख उन्हीं मंत्रों पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि किन मंत्रों के जप से शनिदेव की कृपा बरस सकती है और शनि दोष दूर हो सकता है.
महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
ये शनिदेव को प्रसन्न करने का महामंत्र है, जिसका 108 बार जाप किया जाता है…. Also Read – पुष्य नक्षत्र और मंगलवार का बन रहा है शुभ योग, इस दिन हनुमान जी के पूजन का है खास महत्व
सेहत के लिए
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
यदि आप आरोग्य प्राप्त करना चाहते हैं तो शनि देव के इस मंत्र का 108 बार जप करें. Also Read – Shani Dev Margi 2021: मार्गी हुए शनिदेव, आने वाले 7 महीने इन राशि वालों के लिए साबित होंगे काफी भारी
वैदिक मंत्र
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
यदि किसी व्यक्ति पर शनि की महादशा है तो इस मंत्र के जप से इस महादिशा से मुक्ति मिल सकती है.
गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
शनिदेव के गायत्री मंत्र को बोलते वक्त काले तिल और सरसों का तेल चढ़ाएं और मंत्र का जप करें. ऐसा करने से सभी कष्ट और संकट दूर हो सकते हैं.
पौराणिक मंत्र
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
इस मंत्र का जप करते वक्त शनिदेव को नीले रंग के फूल अर्पित करने चाहिए.