छत्तीसगढ़ की राजधानी के एनआरडीए परिसर में पिछले 100 दिन से ज्यादा दिनों से धरना दे रहे किसानों को जिला प्रशासन ने पुलिस की मौजूदगी में जबरन वहां से हटा दिया। इस दौरान जब किसानों ने पुलिस और जिला प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सुबह लगभग साढ़े तीन बजे धरना स्थल पर पहुंची। उस समय वहां किसानों की संख्या बहुत कम थी। जिसके बाद पुलिस ने उन सबको वहां से हटा दिया। इतना ही नहीं, पुलिस ने वहां किसानों के टेंट, मंच और लाइट-साउंड सामग्री को भी अपने कब्जे में ले लिया।
इस दौरान धरना दे रही नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के लोगों ने जब इसका विरोध किया तो समिति के कार्यकर्ता किसानों को हिरासत में लिया गया है। इसको लेकर किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस गिरफ्तार लोगों को अज्ञात जगह लेकर गई है।
वहीं प्रशासन ने इसको लेकर कहा है कि समिति की कई मांगों पर विचार कर कई सकारात्मक निर्णय लिए गए हैं, उनका क्रियान्वयन भी शुरू हो चुका है।
जानकारी के मुताबिक, दो दिन पहले प्रदर्शनकारियों को धरना समाप्त करने के लिए नोटिस दिया गया था। इसके बाद बी जब वे नहीं माने तो रविवार यानी आज सुबह प्रशासन एवं पुलिस की टीम ने धरना स्थल पर जाकर धरनारत कर्मचारियों से खुद ही धरना समाप्त करने और टेंट हटाने के लिए कहा, लेकिन जब वे नहीं मानें तो मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में प्रशासनिक अमले ने टेंट को हटाया और सामग्री जब्त की गई है।
गौरतलब है कि नया रायपुर बसाने के लिए किए गए भूमि-अधिग्रहण को लेकर किसानों ने 3 जनवरी 2022 को आंदोलन शुरू किया था। किसानों ने अपनी आठ मांगे प्रशासन के सामने रखी थी। सरकार का दावा था कि उनकी 6 मांगों को मान लिया गया है। वहीं किसानों का कहना था कि सरकार उनकी पूरी बात नहीं मान रही है। ऐसे में मांग पूरी होने तक वे आंदोलन जारी रखेंगे।