रायपुर । उठाव कम होने और विक्रेताओं-बिल्डर समूहों के विरोध के चलते सीमेंट के मूल्य में 15 रुपये की कमी करने वाली सीमेंट कंपनियों ने सप्ताह भर के भीतर ही पलटी मार ली है। अब सीमेंट का मूल्य फिर से बढ़ाने की तैयारी हो गई है। जो सूचनाएं हैं उसके अनुसार, इस बार 20 रुपये भाव बढ़ाया जाएगा। यानी 15 रुपये कम कर सीधे 20 रुपये बढ़ाया जा रहा है। नए भाव के साथ सीमेंट की एक बोरी का मूल्य 345 रुपये तक पहुंच जाएगा। कहा जा रहा है कि पांच मई से बढ़ी हुई दर प्रभावी हो जाएगी। वितरकों को कंपनियों ने ये निर्देश जारी कर दिए हैं।
सीमेंट कंपनियों की एकजुटता के आगे यहां सभी पस्त दिखते हैं। संसाधन, श्रम और खनिज सब स्थानीय होने के बाद भी ये कंपनियां कार्टेल बनाकर मनमाने ढंग से भाव बढ़ाती जा रही है। वर्ष भर पहले 280 रुपये प्रति बोरी बिकने वाला सीमेंट अभी 325 रुपये तक पहुंचा है। इसी वर्ष 15 अपै्रल से अगले एक सप्ताह तक एक बोरी का भाव 340 रुपये तक चढ़ा रहा। बिना मांग बढ़े मूल्य को लेकर विरोध भी हुआ। तब जाकर कंपनियों ने इसके मूल्य में 15 रुपये की कमी की। अब लगभग 10 दिनों के बाद सीधे बोरी कामूल्य सीधे 20 रुपये बढ़ाने की पूरी तैयारी की जा चुकी है।
इस क्षेत्र से जुड़े व्यवसायियों ने कहा कि वर्तमान में बाजार लगभग स्थिर है। पहले तो बिना मांग 50 रुपये बढ़ा दिया गया। उठाव ना होने पर इनके मूल्यों में 15 रुपये की कमी करनी पड़ी। अब फिर से भाव बढ़ाने की तैयारी हो रही है। बताया जा रहा है कि मानसून में होने वाले निर्माण के लिए इस क्षेत्र के व्यवसायी अभी से सीमेंट खरीदकर रख लेते हैं। मानसून में कंपनियों का उत्पादन भी कम हो जाता है। इस कारण अभी मूल्य बढ़ाकर ये कमाई करने में लगी हुई हैं।
ये होता है कार्टेल
किसी भी बड़े क्षेत्र के सामानों के निर्माण के साथ उन्हें बेचने की प्रक्रिया में ढेरों समूह जुड़े होते हैं। किसी भी सामान को बनाने से लेकर उसे बेचने की प्रक्रिया में उत्पादकों, विक्रेताओं, वितरकों का एक समूह काम करता है। ये ऐसा संगठन होता है जो सामान का मूल्य तय करता है। जब पूरे बाजार में किसी वस्तु का मूल्य एक जैसा बढ़ जाए तब वो इसी कार्टेल के कारण ही होता है। इसे इस तरह समझिए, एक ही सामान को बाजार में बेचने वाले चार अलग-अलग लोग समूह बनाकर उस सामान का मूल्य एक समान बढ़ा देते हैं। यानी उपभोक्ता के पास उसी मूल्य पर खरीदने के अतिरिक्त और कोई विकल्प शेष नहीं रह जाता।
चार हजार रुपये सस्ता हुआ सरिया
सरिया की कीमतों में गिरावट आना एक बार फिर से शुरू हो गया है। पांच दिनों पहले तक चिल्हर बाजार में 78 हजार रुपये प्रति टन में बिक रहा सरिया मंगलवार को 74 हजार रुपये प्रति टन पहुंच गया। संयंत्रों में सरिया 71 हजार रुपये प्रति टन बिक रहा है। क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि सरिया की कीमतों में इस प्रकार से उतार-चढ़ाव बना हुआ है। बाजार में मांग तो इन दिनों बिल्कुल थम सी गई है। उपभोक्ता भी मूल्यों में गिरावट की प्रतीक्षा कर रहे हैं।