दुबई एयर शो में हादसे का शिकार हुए तेजस विमान को विंग कमांडर नमांश स्याल उड़ा रहे थे। हादसे के दौरान उन्होंने एयर शो में मौजूद अन्य लोगों को बचाने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी। भारतीय वायुसेना ने बताया कि लोगों की जान बचाने के लिए पायलट विमान को भीड़ से दूर ले गया। इसी वजह से विंग कमांडर को प्लेन से बाहर निकलने का मौका नहीं मिला और वह इस हादसे में वीरगति को प्राप्त हो गए। विंग कमांडर नमांश स्याल कांगड़ा के रहने वाले थे।
विंग कमांडर स्याल के निधन पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दुख जाहिर किया है। 34 साल के नगरोटा निवासी विंग कमांडर स्याल ने मिग-21 और सुखोई SU-30MKI प्लेन में ट्रेनिंग ली थी। वह फिलहाल तीसरे स्क्वॉर्डन का तेजस विमान उड़ा रहे थे।
सीएम सुक्खू ने जताया दुख
दुबई एयर शो में कांगड़ा निवासी पायलट नमांश स्याल के निधन पर सीएम सुक्खू ने भी दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “दुबई एयर शो में हुए तेजस विमान हादसे में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के वीर सपूत नमन स्याल जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद और हृदयविदारक है। देश ने एक बहादुर, कर्तव्यनिष्ठ और साहसी पायलट खो दिया है। शोकाकुल परिवारजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं। वीर सपूत नमन स्याल जी की अदम्य वीरता, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रसेवा के प्रति समर्पण को हृदय से नमन।”
कैसे हुआ हादसा?
भारतीय एयरफोर्स से जुड़े सूत्रों ने बताया, “पूरी संभावना है कि पायलट एक पॉजिटिव-हाई g टर्न लेता है, उससे बाहर आता है और कुछ ऊंचाई पाने के लिए विंग ओवर में रोल करता है। फिर वह एक नेगेटिव g पुशओवर में रोल करता है और इसी बीच विमान में कुछ गलत हो जाता है। पायलट विंग्स को लेवल करके और भीड़ से दूर खींचकर इससे बाहर आने की कोशिश करता है। तभी विमान जमीन पर से फ्लैट एटीट्यूड में टकराता है। यह सब अभी अंदाजा है। पायलट ने नीचे लोगों को बचाने के लिए अपनी जान दे दी, यही असलियत है। कोर्ट ऑफ इन्कॉयरी का ऑर्डर दिया गया है। फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर के एनालिसिस से ही हादसे का कारण पता चलेगा।”














