सरकार ने देश के सभी मजदूरों और कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला करते हुए शुक्रवार से चार नए लेबर कोड लागू किए हैं। पहले जो 29 अलग-अलग श्रम कानून थे, उनमें से जरूरी बातें निकालकर इन्हें अब 4 आसान और साफ नियमों में बदल दिया गया है।
नियमों का मकसद हर कामगार को समय पर और ओवरटाइम वेतन, न्यूनतम मजदूरी, महिलाओं को बराबर मौका और सैलरी, सोशल सिक्योरिटी, फ्री हेल्थ चेकअप देना है। नए कानून से कर्मचारी को 5 की जगह सिर्फ 1 साल में ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।
सरकार का कहना है कि पुराने श्रम कानून 1930–1950 के बीच बने थे, जब कामकाज, इंडस्ट्री और टेक्नोलॉजी आज से बिल्कुल अलग थे। नए कोड आधुनिक जरूरतों और अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। इसलिए पुराने 29 श्रम कानूनों को सरल बनाकर चार लेबर कोड में बदल दिया है।
मोदी बोले- बदलाव मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि नई श्रम संहिताएं लोगों के लिए खासकर महिलाओं और युवाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा, न्यूनतम और समय पर मिलने वाली मजदूरी, सुरक्षित कार्यस्थल और बेहतर अवसरों की मजबूत नींव तैयार करेंगी।
उन्होंने कहा कि ये बदलाव मजदूरों के अधिकारों की रक्षा करेंगे और भारत की आर्थिक वृद्धि को और मजबूत बनाएंगे।इन सुधारों से रोजगार बढ़ेगा, उत्पादकता में सुधार होगा, और विकसित भारत की दिशा में हमारी गति तेज होगी।













