उत्तर भारत में बढ़ते कोहरे का असर अब बिलासपुर क्षेत्र की ट्रेनों पर भी नजर आने लगा है। मंगलवार को कई यात्रियों को ट्रेनों में देरी का सामना करना पड़ा। कोहरे के कारण प्रभावित होने वाली ट्रेनें में मुंबई एलटीटी सुपरफास्ट प्रमुख रही। यह ट्रेन सुबह 4 बजे की निर्धारित समय के बजाय लगभग 10.45 बजे बिलासपुर पहुंची, जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर पांच घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा।

इसी क्रम में, उत्कल एक्सप्रेस आधे घंटे, गोड़वाना एक घंटे, और गीतांजलि ढाई घंटे की देरी से चली। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि उत्तर भारत में रात के समय ओस जमने और दृश्यता कम रहने से ट्रेनों की गति कम करनी पड़ रही है।
प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार करने पर मजबूर हुए यात्री
ठंड के मौसम में यात्री प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। इस बीच कई लोगों ने बताया कि उन्हें घंटों तक ठंड में खड़ा रहना पड़ा, जिससे उनकी यात्रा और अन्य कार्य प्रभावित हुए। रात के समय अधिकांश ट्रेनें तय समय से लेट हो रही हैं, जिसके कारण बहुत से यात्री स्टेशन पर ही सोकर ट्रेन का इंतज़ार करने को मजबूर हो गए हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यदि कोहरा बढ़ता है, तो ट्रेनें और भी अधिक देर से चल सकती हैं।
*सात जोन की 247 ट्रेनों कैंसिल*
इस साल नवंबर से उत्तर भारत में बर्फीली ठंड और घने कोहरे ने दस्तक दी है, जो आमतौर पर दिसंबर में देखने को मिलता है। शीतलहर और कम दृष्टि के कारण, रेलवे ने सात क्षेत्र में 247 ट्रेनों को 50 से 90 दिनों के लिए रद्द करने का निर्णय लिया है। यदि हम औसतन 60 दिनों की अवधि पर विचार करें, तो कुल 14,820 फेरे रद्द होंगे।
प्रभावित क्षेत्रों के नाम
इस स्थिति का प्रभाव विशेष रूप से बिहार, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रों में महसूस किया जा रहा है। इसके अलावा, कई ट्रेनों के लिए वैकल्पिक दिनों के आरक्षण भी रोक दिए गए हैं।














