भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार गिरता जा रहा है, और अब इसकी कीमत 90 रुपये से भी अधिक हो गई है। इसे आसान शब्दों में समझें, तो एक डॉलर की कीमत 90 रुपये के ऊपर पहुंच गई है। आज रुपया डॉलर के मुकाबले 90.16 के ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गया था, लेकिन बाद में थोड़ा सुधार हुआ और यह 90.02 पर स्थिर हो गया।
मंगलवार को यह 89.96 पर बंद हुआ था, जो इस बात का संकेत है कि मुद्रा पर दबाव बढ़ रहा है। यह गिरावट तब आई जब रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा। इस पर कई कारण माने जा रहे हैं, जिसमें लगातार विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) का धन निकासी और अमेरिका–भारत के बीच व्यापार संबंध शामिल हैं।

क्यों गिर रहा है रुपया
ये साल रुपये के लिए कुछ खास अच्छा नहीं रहा. डॉलर के मुकाबले रुपये में इस साल करीब 5% की गिरावट है. इसके लिहाज से एशिया के सबसे खराब परफॉर्म करने वाले देशों में से एक है. रुपये आखिर इतना कमजोर क्यों हो रहा है? ये है वजहें
- रिकॉर्ड-हाई ट्रेड डेफिसिट
- US-इंडिया ट्रेड डील में देरी
- विदेशी इन्वेस्टर के लगातार बाहर जाने का दबाव
- इंपोर्ट में बढ़ोतरी – खासकर सोना और चांदी में
- एक्सपोर्ट में गिरावट
इन सभी कारणों से, मर्चेंडाइज ट्रेड गैप $41.68 बिलियन तक बढ़ गया। कमजोर पोर्टफोलियो प्रवाह, धीमी व्यापार गतिविधि और अमेरिका के टैरिफ ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। इस वर्ष अब तक विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से लगभग $17 बिलियन की निकासी की है, जिसके परिणामस्वरूप मुद्रा पर और अधिक दबाव पड़ा है।

आज शेयर बाजार में कोई खास हलचल नजर नहीं आई। भारतीय शेयर बाजार लगभग सुबह 9:35 बजे दिन के सबसे कम स्तर की ओर बढ़ने लगा। BSE सेंसेक्स 300 अंक यानी 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,838 पर पहुंच गया। वहीं, निफ्टी 50 में भी गिरावट देखी गई, जो 104 अंक या 0.4 प्रतिशत की कमी के साथ 25,928 पर था। बड़े बाजार में, निफ्टी मिडकैप में 0.14 प्रतिशत की कमी आई, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 0.02 प्रतिशत गिर गया।












