भारत के ई-कॉमर्स बाजार में तहलका मचाने वाले प्लेटफॉर्म Meesho के IPO ने आज जोरदार शुरुआत की। जैसे ही पब्लिक इश्यू सब्सक्रिप्शन के लिए खुला, निवेशकों की भारी दिलचस्पी देखने को मिली। खास बात यह रही कि ग्रे मार्केट में Meesho का GMP करीब 45% तक उछल गया, जिसने इश्यू से पहले ही धमाकेदार लिस्टिंग के संकेत दे दिए। अब जब भारत का ई-कॉमर्स तेजी से लो-प्राइस, हाई-वॉल्यूम मॉडल की ओर बढ़ रहा है, Meesho का यह डेब्यू पूरे मार्केट में चर्चा का विषय बन गया है।
Meesho का बिजनेस मॉडल क्यों है खास?
Meesho ने भारतीय ई-कॉमर्स में एक नई क्रांति ला दी है, जहां बड़ा फोकस मेट्रो सिटीज पर नहीं, बल्कि टियर-2 और टियर-3 शहरों पर है। FY23 से FY25 के बीच Meesho के वार्षिक ट्रांजैक्टिंग यूजर्स में 46% की वृद्धि हुई, जो भारत के बाकी ई-कॉमर्स ग्रोथ (11–20%) से कई गुना ज्यादा है। FY25 में प्लेटफॉर्म पर 19.9 करोड़ यूजर्स ने खरीदारी की, जिनमें से 17.4 करोड़ नॉन-मेट्रो शहरों से थे।
वैल्यूएशन
एनालिस्ट्स के अनुसार Meesho की वैल्यूएशन FY25 की रेवेन्यू का करीब 5 गुना है। यह महंगी मानी जा रही है, लेकिन Meesho की जबरदस्त स्केलिंग, बढ़ते ऑर्डर्स और भारत-फोकस्ड मॉडल इसे लॉन्ग-टर्म के लिए आकर्षक बनाते हैं। आशिका इंस्टीट्यूशनल इक्विटी रिसर्च के रिसर्च एनालिस्ट ईशान तन्ना के अनुसारअभी निवेशक मुनाफे से ज्यादा भविष्य की क्षमता पर दांव लगा रहे हैं। अगर कंपनी ने अपनी स्केल को प्रॉफिट में बदला, तो रिटर्न बहुत बड़ा हो सकता है।
Meesho की ताकत
FY25 में कंपनी की रेवेन्यू 23.3% बढ़कर 9,389.9 करोड़ रुपये पहुंच गई।
लगातार दो वर्षों से फ्री कैश फ्लो पॉजिटिव।
ऑर्डर वॉल्यूम 102.4 करोड़ (FY23) से बढ़कर 183.4 करोड़ (FY25) हो गया।
जीरो-कमीशन मॉडल से Meesho ने लाखों रीजनल और अनब्रांडेड सेलर्स को प्लेटफॉर्म पर जोड़ा।
Proprietary लॉजिस्टिक्स सिस्टम Valmo ने फुलफिलमेंट कॉस्ट कम करने में बड़ी भूमिका निभाई।
कंट्रीब्यूशन मार्जिन भी 2 साल में 200 bps बढ़कर 4.9% हो गया है।
रिस्क भी कम नहीं…
कैश ऑन डिलीवरी ऑर्डर्स ज्यादा होने से फ्रॉड और कैंसिलेशन की चुनौती।
अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसे दिग्गजों से कड़ी प्रतिस्पर्धा।
कंपनी अभी भी नुकसान में, FY25 में अडजेस्ट लॉस 2595.3 करोड़ रुपये।
Disclaimer: ये कोई निवेश सलाह नहीं है बल्कि सिर्फ एक जानकारी है। रुपये-पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लें।












