जांजगीर-चांपा जिले में बुधवार को एक हृदयविदारक हादसा सामने आया, जहां हसदेव नदी में नहाने गए तीन स्कूली छात्रों की डूबने से मौत हो गई। 26 घंटे की लंबी तलाशी के बाद गुरुवार सुबह तीनों के शव SDRF और पुलिस टीम द्वारा बरामद किए गए। यह घटना हनुमान धारा क्षेत्र की है, जहां अक्सर स्थानीय लोग नहाने और घूमने जाते हैं।
10 बजे घर से निकले, फिर नहीं लौटे तीनों दोस्त
मृतक छात्रों में नेल्सन लकड़ा (Nelson Lakra) 15, जो सक्ती जिले के ASI नजारियूस एक्का का बेटा था, युवराज राठौर (Yuvraj Rathore) 14, जिसके पिता प्लांट कर्मचारी हैं और रुद्र सिंह राज (Rudra Singh Raj) 11, जिसके पिता किराना दुकान संचालित करते हैं। तीनों बच्चे जगदल्ला कॉलोनी स्थित मनका पब्लिक स्कूल (Manka Public School) में पढ़ते थे।
बुधवार सुबह तीनों स्कूल की छुट्टी होने पर साइकिल से हनुमान धारा (Hanuman Dhara) नहाने पहुंचे थे। शाम तक घर नहीं लौटे तो परिवार ने खोजबीन शुरू की। त्रिदेव घाट के पास उनकी साइकिल, कपड़े और चप्पलें मिलीं, जिसके बाद घटना की आशंका हुई और परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
रात भर चला रेस्क्यू, अंधेरा बनने पर रोका गया अभियान
सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम, SDRF और स्थानीय गोताखोर मौके पर पहुंचे। बच्चों के लापता होने के बाद SDM पवन कोसमा (Pawan Kosma) ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया और हसदेव नदी के जल प्रवाह को अस्थायी रूप से रोकने के निर्देश दिए, ताकि खोज तेज की जा सके।
बुधवार शाम तक तलाशी जारी रही, लेकिन अंधेरा होने के कारण ऑपरेशन रोकना पड़ा। देर रात तक नदी किनारे परिजनों की भीड़ जमा रही, हर कोई बच्चों के सुरक्षित मिलने की दुआ कर रहा था।
सुबह फिर शुरू हुई तलाश, मिले तीनों के शव
छात्र रूद्र का शव बरामद कर लिया गया है।
गुरुवार सुबह SDRF ने दोबारा तलाशी अभियान शुरू किया। कुछ ही घंटे बाद नदी के एक हिस्से में तीनों बच्चों के शव मिल गए। अधिकारियों का कहना है कि नदी का बहाव तेज होने की वजह से बच्चे गहरे हिस्से में फिसलकर डूब गए होंगे।
SDM पवन कोसमा ने बताया कि “हमारी कोशिश थी कि बच्चों को जल्द से जल्द खोजा जाए। एनिकट से पानी का बहाव कम कराया गया था। दुखद है कि तीनों मासूम अब इस दुनिया में नहीं हैं।”
परिजनों में मातम, पूरे इलाके में शोक
तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। घटना के बाद जगदल्ला कॉलोनी और आसपास के क्षेत्रों में शोक का माहौल है। परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से हसदेव नदी के इस हिस्से में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।















