छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इस मामले से जुड़े नए खुलासे और गिरफ्तारी की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। अब इस घोटाले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की ज्यूडिशियल रिमांड 14 दिन और बढ़ा दी गई है। रायपुर की विशेष अदालत ने सोमवार को सुनवाई के दौरान चैतन्य की रिमांड 29 अक्टूबर 2025 तक के लिए बढ़ा दी, यानी इस साल की दिवाली भी चैतन्य जेल में ही बिताएंगे।
यह फैसला तब आया जब EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) चार्जशीट पेश नहीं कर पाई। कोर्ट ने पहले 13 अक्टूबर तक का समय दिया था, लेकिन फिर भी चार्जशीट दाखिल नहीं हो सकी, जिस पर कोर्ट ने दो दिन और की मोहलत दी थी। इसके बावजूद 15 अक्टूबर तक चार्जशीट पेश नहीं होने के चलते रिमांड अवधि बढ़ा दी गई।
EOW के दावे से बढ़ी जांच की रफ्तार
EOW ने 24 सितंबर को कोर्ट के निर्देश पर चैतन्य को रिमांड पर लिया था। अधिकारियों का दावा है कि पूछताछ के दौरान चैतन्य बघेल ने कई अहम जानकारियां दी हैं, जिससे घोटाले के पूरे सिंडिकेट की परतें खुलती जा रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक, आने वाले दिनों में इस घोटाले में और भी बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं और कई राजनीतिक व कारोबारी चेहरों पर शिकंजा कस सकता है।
चैतन्य बघेल इस वक्त मनी लॉन्ड्रिंग के केस में 18 जुलाई 2025 से रायपुर की जेल में बंद हैं। उनके वकील फैजल रिजवी का कहना है कि बाकी आरोपियों की रिमांड भी आज समाप्त हो रही थी, लेकिन कोर्ट ने सभी केस को एक साथ चलाने की मंशा से सभी आरोपियों की रिमांड 29 अक्टूबर तक बढ़ा दी है।
1000 करोड़ का सिंडिकेट में 16.70 करोड़ चैतन्य के पास
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से दर्ज किए गए मामलों में चैतन्य बघेल पर बड़ा आरोप है कि उन्हें शराब घोटाले की ब्लैक मनी से करीब 16.70 करोड़ रुपये मिले हैं। ईडी ने दावा किया है कि इस रकम को चैतन्य ने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश कर वाइट मनी में तब्दील करने की कोशिश की।
विशेष रूप से बघेल डेवलपर्स के ‘विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट’ में यह पैसा लगाया गया। जांच में सामने आया है कि इस प्रोजेक्ट में असल खर्च 13 से 15 करोड़ रुपये हुआ था, लेकिन रिकॉर्ड में केवल 7.14 करोड़ रुपये दिखाए गए। ईडी ने डिजिटल सबूतों के आधार पर यह भी पाया कि एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ रुपये कैश में दिए गए, जिसकी कोई आधिकारिक एंट्री नहीं की गई थी।
महादेव ऐप और कोल घोटाले से भी जुड़े हैं तार
चैतन्य बघेल सिर्फ शराब घोटाले तक सीमित नहीं हैं। ईडी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, वे कोल लेवी केस और बहुचर्चित महादेव सट्टा ऐप घोटाले से भी जुड़े पाए गए हैं। ईडी का कहना है कि हवाला के जरिए करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई, जिसमें कई लेन-देन दुबई और अन्य विदेशी लोकेशनों से लिंक हो सकते हैं। इन सभी मामलों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) कर रही है। सूत्रों की मानें तो आने वाले समय में कुछ और नामचीन चेहरे भी जांच के घेरे में आ सकते हैं।
क्या जांच चुनावी साल में बड़ा मोड़ लेगी?
2025 का यह साल छत्तीसगढ़ के लिए बेहद संवेदनशील माना जा रहा है क्योंकि अगले साल राज्य में आम चुनाव होने हैं। ऐसे में चैतन्य बघेल जैसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार के सदस्य की गिरफ्तारी और रिमांड में बार-बार की बढ़ोतरी राज्य की राजनीति में उबाल ला सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले ही इन कार्रवाइयों को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बता चुके हैं। लेकिन जांच एजेंसियां दस्तावेजी सबूतों के साथ अपनी कार्यवाही को सही ठहरा रही हैं।