छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में नक्सल मोर्चे पर पुलिस को एक बार फिर बड़ी सफलता हाथ लगी है। शासन की पुनर्वास नीति और लगातार दबाव की रणनीति से प्रभावित होकर 5-5 लाख रुपये के इनामी दो नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। खास बात यह है कि सरेंडर करने वालों में एक पुरुष और एक महिला नक्सली शामिल हैं, जो संगठन में एरिया कमेटी मेंबर के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
पुनर्वास नीति बनी सरेंडर की वजह
गरियाबंद पुलिस (Gariaband Police) अधिकारियों के अनुसार, दोनों नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की इच्छा जताई है। नक्सलियों ने बताया कि शासन की “पुनर्वास नीति” और लगातार बेहतर होते हालात ने उन्हें आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया। पुलिस का मानना है कि यह नीति अब नक्सल प्रभावित इलाकों में भरोसे की नई मिसाल बन रही है।
एरिया कमेटी के सक्रिय सदस्य थे दोनों नक्सली
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की पहचान एसडीके एरिया कमेटी सदस्य संतोष उर्फ लालपवन और सीनापाली एरिया कमेटी सदस्य मंजू उर्फ नंदे के रूप में हुई है। दोनों पर कुल 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। शनिवार को दोनों ने गरियाबंद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
2025 में गरियाबंद में अब तक 19 नक्सली कर चुके सरेंडर
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 2025 में अब तक गरियाबंद जिले में कुल 19 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इससे पहले 8 नवंबर को भी सात नक्सलियों ने हथियारों के साथ सरेंडर किया था। लगातार हो रहे सरेंडर से नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है और क्षेत्र में शांति बहाली की उम्मीद मजबूत हुई है।
एसपी ऑफिस में होगा विस्तृत खुलासा
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस सरेंडर से जुड़े पूरे मामले का विस्तृत खुलासा जल्द ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय में किया जाएगा। इसमें नक्सली नेटवर्क, उनकी गतिविधियों और आगे की रणनीति को लेकर अहम जानकारियां साझा की जा सकती हैं। गरियाबंद पुलिस इसे नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक अहम उपलब्धि मान रही है।













