छत्तीसगढ़ में धान खरीदी व्यवस्था को और सरल, पारदर्शी और किसान-हितैषी बनाने की दिशा में साय सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत अब किसान धान खरीदी के लिए टोकन कहीं से भी और किसी भी समय ले सकेंगे। सरकार ने टोकन सिस्टम से समय की बाध्यता पूरी तरह समाप्त कर दी है, जिससे किसानों को अब सुबह-शाम और कार्यदिवस की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
24 घंटे और 20 दिन पहले तक मिलेगा टोकन
सरकारी निर्णय के अनुसार अब किसान “तुंहर टोकन” मोबाइल ऐप (Tuhar Token App) के माध्यम से 24 घंटे कभी भी टोकन कटवा सकेंगे। इसके साथ ही 20 दिनों तक अग्रिम टोकन लेने की सुविधा भी दी गई है। इससे पहले टोकन केवल रविवार से शुक्रवार तक सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक ही जारी होते थे, लेकिन अब यह सीमा पूरी तरह खत्म कर दी गई है। इस बदलाव से दूर-दराज के किसानों को विशेष राहत मिलने की उम्मीद है।
समर्थन मूल्य और कृषक उन्नति योजना से बढ़ा उत्साह
धान खरीदी शासन द्वारा तय समर्थन मूल्य और कृषक उन्नति योजना के तहत की जा रही है। किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जा रहा है और प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक धान खरीदी की जा रही है। विशेष रूप से राजनांदगांव सहित कई जिलों में इस व्यवस्था को लेकर किसानों में उत्साह देखा जा रहा है और खरीदी केंद्रों पर सुचारू रूप से प्रक्रिया चल रही है।
ऑनलाइन टोकन से समय की बचत
तुंहर हाथ मोबाइल ऐप के जरिए ऑनलाइन टोकन व्यवस्था लागू होने से किसानों का समय बच रहा है और उन्हें खरीदी केंद्रों पर अनावश्यक इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। साथ ही उपार्जित धान का उठाव भी नियमित रूप से किया जा रहा है। व्यवस्थित और पारदर्शी धान खरीदी प्रणाली के चलते किसानों का शासन और प्रशासन के प्रति भरोसा मजबूत हुआ है।
अवैध धान पर सख्ती, सीमाओं पर 24 घंटे निगरानी
धान खरीदी के साथ-साथ प्रशासन ने अवैध धान परिवहन और भंडारण पर भी सख्ती बढ़ा दी है। सभी अंतरराज्यीय सीमाओं और चेक पोस्टों पर 24 घंटे निगरानी की जा रही है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में अब तक 85 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जिनमें 11,298 क्विंटल से अधिक अवैध धान और 46 वाहन जब्त किए गए हैं। यह कार्रवाई संयुक्त जांच दलों की सतत सक्रियता का परिणाम मानी जा रही है।













