दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक और अहम सफलता मिली है. एजेंसी ने इस केस में शामिल एक और आरोपी यासिर अहमद डार को गिरफ्तार कर लिया है. यासिर जम्मू-कश्मीर के शोपियां, श्रीनगर का रहने वाला है और उसे NIA ने दिल्ली से पकड़ा. इस गिरफ्तारी के बाद इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है.
बताया गया है कि यासिर के खिलाफ UAPA 1967 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
आत्मघाती हमले में शामिल होने की खाई थी कसम
NIA की जांच में सामने आया है कि यासिर इस पूरे आतंकी षड्यंत्र में सक्रिय रूप से शामिल था. एजेंसी के अनुसार, उसने न सिर्फ इस प्लान का हिस्सा बनने की शपथ ली थी, बल्कि उसने आत्मघाती यानी ‘सेल्फ-सैक्रिफ़िशियल’ ऑपरेशन में शामिल होने की कसमें भी खाई थीं.
डिजिटल क्लू के आधार पर यासिर तक पहुंची NIA
इन डिजिटल क्लूज़ के आधार पर जांच आगे बढ़ने लगी और यासिर तक पहुंच बन सकी. इससे पहले एजेंसी ने फरीदाबाद स्थित अल-फला यूनिवर्सिटी परिसर में भी सर्च ऑपरेशन चलाया था. वहां से इस केस के मुख्य आरोपियों डॉ. मुज़म्मिल शकील गनी और डॉ. शाहीन सईद से जुड़े ठिकानों पर तलाशी लेकर अहम सबूत जब्त किए गए थे.
आतंकी के मंसूबों पर पानी फिर गया
आतंकी यासिर अहमद डार भी लाल किला कार धमाका में मारे गए आतंकी डाॅ. उमर नबी बट की तरह मानव बम बनने की तैयारी कर रहा था। उसकी योजना भी उमर नबी बट की तरह आत्मघाती हमला करने की थी। इसके लिए उसने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से बातचीत में कई माह पहले शपथ भी ली थी, लेकिन सफेदपोश डाॅक्टर मॉड्यूल का भंडाफोड़ हो जाने व कई आतंकी साथियों के पकड़े जाने से इस मॉड्यूल के विस्तृत मंसूबे पर पानी फिर गया।
10 नवंबर को हुए धमाके में गई थी 11 लोगों की जान
10 नवंबर 2025 को हुए इस दर्दनाक धमाके में 11 लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे. राजधानी के इतने संवेदनशील क्षेत्र में हुए इस हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया था. तभी से NIA इस विस्फोट के पीछे की पूरी साज़िश को समझने और उसे एक-एक कड़ी जोड़कर उजागर करने में लग गई है.













