बीजापुर जिले के इंद्रावती इलाके में सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया है। मौके से शव और हथियार बरामद किए गए हैं। जंगल और पहाड़ी इलाकों में पुलिस और नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग अभी भी जारी है। माओवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद जिला पुलिस ने आज सुबह सर्च ऑपरेशन शुरू किया था।
सर्चिंग के दौरान नक्सलियों ने कर दी फायरिंग
एक सर्च ऑपरेशन के दौरान, डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड (DRG) की एक टीम पर नक्सलियों ने फायरिंग कर दी। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें एक नक्सली मारा गया। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ वाली जगह को घेर लिया है और सर्च ऑपरेशन जारी है। ठीक एक दिन पहले, सुकमा में तीन नक्सली मारे गए थे। DRG के जवान, जो नक्सलियों की PLGA बटालियन नंबर 1 के कमांडर देवा की तलाश कर रहे थे, उनका सामना किस्ताराम एरिया कमेटी के सदस्यों से हुआ। इसके बाद हुई गोलीबारी में, सुरक्षा बलों ने तीन नक्सलियों को मार गिराया, जिसमें दो एरिया कमेटी मेंबर (ACM कैडर) शामिल थे।
2025 में कुल 255 नक्सली मारे गए
सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। इसी जानकारी के आधार पर DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) की एक टीम ने गोंडीगुड़ा जंगल इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। 18 दिसंबर, 2025 की सुबह सर्च ऑपरेशन के दौरान DRG और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग हुई।
मुठभेड़ के बाद, जब सुरक्षा बलों ने इलाके की तलाशी ली, तो एक महिला और दो पुरुष माओवादियों के शव बरामद हुए। मौके से बड़ी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और नक्सली से जुड़ा सामान भी जब्त किया गया। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि इस साल बस्तर रेंज में कुल 255 नक्सली मारे गए हैं।
ये तीनों माओवादी कोंटा-किस्टाराम इलाके में सक्रिय थे और कई गंभीर नक्सली घटनाओं में शामिल थे।
मुठभेड़ वाली जगह से एक 9 mm सर्विस पिस्टल, एक 12-बोर शॉटगन, BGL सेल, एक टिफिन बम और बड़ी मात्रा में अन्य विस्फोटक और नक्सली दस्तावेज बरामद किए गए।
आईजी सुन्दरराज पी का बड़ा बयान
बस्तर रेंज के आईजी सुन्दरराज पी ने कहा कि, 2025 में सुरक्षाबलों की संयुक्त कार्रवाई में अब तक केंद्रीय समिति, DKSZC और PLGA कैडर समेत कुल 255 नक्सली मारे जा चुके हैं। (Chhattisgarh Naxal news) आईजी ने कहा कि, बस्तर में माओवाद अंतिम सांसें गिन रहा है। संगठन की संरचना टूट चुकी है। सक्रिय माओवादियों से अपील है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं।














