नया साल आते ही आम लोगों की जेब पर एक और बोझ बढ़ने वाला है। बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट को आसान बनाने के नाम पर शुरू हुई कई सेवाएं अब धीरे-धीरे महंगी होती जा रही हैं। एटीएम से पैसे निकालने से लेकर क्रेडिट कार्ड, वॉलेट ट्रांजेक्शन और यहां तक कि बिल भुगतान तक हर कदम पर एक्स्ट्रा फीस वसूला जा रहा है। आने वाला साल 2026 भी इसी ट्रेंड को आगे बढ़ाता नजर आ रहा है, क्योंकि कई बड़े बैंक और वॉलेट ऐप अपनी सेवाओं पर नए चार्ज लगाने या मौजूदा शुल्क बढ़ाने की तैयारी में हैं।
सबसे बड़ा बदलाव आईसीआईसीआई बैंक की ओर से देखने को मिलेगा। बैंक ने घोषणा की है कि 15 जनवरी 2026 से क्रेडिट कार्ड के जरिए गेमिंग प्लेटफॉर्म पर किए जाने वाले ट्रांजेक्शन पर 2 फीसदी शुल्क लगाया जाएगा। यानी ऑनलाइन गेमिंग करने वालों को अब हर ट्रांजेक्शन पर एक्स्ट्रा रकम चुकानी पड़ेगी। इसके अलावा अमेजॉन पे, पेटीएम और मोबिक्विक जैसे थर्ड पार्टी वॉलेट ऐप्स में 5000 रुपये से ज्यादा की राशि भेजने पर 1 फीसदी शुल्क देना होगा।
नकद क्रेडिट कार्ड बिल पर फीस
आईसीआईसीआई बैंक यहीं नहीं रुका है। अगर कोई ग्राहक बैंक शाखा में जाकर नकद में अपने क्रेडिट कार्ड का बिल जमा करता है तो अब उसे 150 रुपये शुल्क देना होगा, जो पहले 100 रुपये था। वहीं, इंसटेंट प्लेटिनम क्रेडिट कार्ड पर बुकमायशो के जरिए मिलने वाला फ्री मूवी टिकट का लाभ भी 1 फरवरी 2026 से बंद कर दिया जाएगा। इस सुविधा का फायदा उठाने के लिए अब पिछली तिमाही में कम से कम 25,000 रुपये का खर्च करना जरूरी होगा।
डिजिटल वॉलेट से पेमेंट भी महंगा
डिजिटल वॉलेट यूजर्स के लिए भी बुरी खबर है। एयरटेल पेमेंट बैंक ने 1 जनवरी 2026 से अपने वॉलेट पर 75 रुपये सालाना शुल्क लगाने का फैसला किया है। यदि वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस नहीं होगा, तो उपलब्ध राशि से ही यह शुल्क काट लिया जाएगा। दरअसल, भारत में डिजिटल वॉलेट्स की शुरुआत मुफ्त सेवाओं के वादे के साथ हुई थी। वर्ष 2004 में ऑक्सीजन वॉलेट और फिर 2010 में पेटीएम के आने के बाद डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिला। शुरुआत में ज्यादातर कंपनियों ने बिना किसी शुल्क के सेवाएं दीं, लेकिन जैसे-जैसे यूजर बेस बढ़ा, वैसे-वैसे चार्ज भी जुड़ते चले गए। फरवरी 2021 से मोबिक्विक ने गैर-सक्रिय वॉलेट्स पर मेंटेनेंस फीस लगानी शुरू कर दी थी।














