एक तरफ जहां भारतीय शेयर बाजार पिछले एक साल से एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है और सेंसेक्स बमुश्किल कुछ फीसदी की बढ़त दर्ज कर पाया है, वहीं दूसरी ओर कुछ शेयर ऐसे भी हैं जो निवेशकों के लिए पारस पत्थर साबित हो रहे हैं. इन शेयरों ने न केवल निवेशकों को शानदार मुनाफा कमाकर दिया है, बल्कि इनकी तेजी की रफ्तार अब भी थमने का नाम नहीं ले रही है. इसी कड़ी में एक नाम है ऑटोराइडर्स इंटरनेशनल लिमिटेड (Autoriders International Ltd) का, जिसने अपने निवेशकों की किस्मत ही बदलकर रख दी है.
यह मल्टीबैगर स्टॉक पिछले एक साल में किसी रॉकेट की तरह भागा है और इसने अपने निवेशकों को 2878 फीसदी का रिटर्न दिया है. आंकड़ों की भाषा में समझें तो ठीक 12 महीने पहले इस शेयर का भाव 149.90 रुपये के स्तर पर था, जो आज 4464.62 रुपये के शिखर पर पहुंच गया है. आज के कारोबारी सत्र में भी ये शेयर 5% की तेजी के साथ ट्रेड कर रहा है.
सालभर में पैसा 29 गुना
ऑटोराइडर्स इंटरनेशनल के शेयर ने जिस कदर रिटर्न दिया है, वह किसी लॉटरी लगने से कम नहीं है. अगर किसी निवेशक ने ठीक एक साल पहले इस कंपनी में एक लाख रुपये का निवेश किया होता, तो आज उसके पास ₹29.78 लाख हो गया होता. यह एक ऐसा मुनाफा है जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. इतना ही नहीं, अगर किसी ने साल 2025 की शुरुआत में भी इस शेयर पर दांव लगाया होता और एक लाख रुपये का निवेश किया होता, तो आज उसकी रकम बढ़कर 15 लाख रुपये से अधिक हो गई होती.
हर पैमाने पर खरा उतरा यह शेयर
इस शेयर की तेजी सिर्फ सालाना आधार पर ही नहीं, बल्कि छोटी अवधियों में भी कायम रही है. पिछले छह महीनों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो इसने 1115 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न दिया है. वहीं, पिछली तिमाही यानी महज तीन महीनों में इस शेयर ने 353 फीसदी की छलांग लगाई है. अकेले अक्टूबर महीने के पहले 15 दिनों में ही यह शेयर 45 फीसदी उछल चुका है. महीनेभर पहले इसका भाव ₹2,741.20 था, जो अब 4464.62 पर पहुंच गया है.
क्या करती है ये कंपनी?
ऑटोराइडर्स इंटरनेशनल लिमिटेड करीब तीन दशक पुरानी एक जानी-मानी कॉर्पोरेट रेंट-ए-कार कंपनी है. कंपनी के फंडामेंटल्स पर नजर डालें तो कुछ चीजें बेहद सकारात्मक हैं. कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) काफी मजबूत है, इस पर कर्ज का बोझ कम है और इसका नेट कैश फ्लो भी पॉजिटिव है. हालांकि, कुछ चिंताएं भी हैं. कंपनी पिछली आठ तिमाहियों से अपने मुनाफे और बिक्री में एक जैसी निरंतरता नहीं दिखा पाई है. इसके बावजूद, इसकी बिक्री वृद्धि दर उद्योग के औसत से बेहतर बनी हुई है.
अगर शेयरधारिता की बात करें तो जून 2025 तक कंपनी के प्रमोटरों के पास 57.3 फीसदी हिस्सेदारी थी, जबकि 42.7 फीसदी हिस्सेदारी पब्लिक होल्डिंग के तहत है. दिलचस्प बात यह है कि इस दमदार प्रदर्शन के बावजूद बड़े संस्थागत निवेशकों जैसे विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) और म्यूचुअल फंड्स ने अभी तक इस शेयर में कोई निवेश नहीं किया है.
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