राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर से 2,400 रुपये की गिरावट के साथ 1,32,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गईं। हालांकि, दिवाली त्योहार की शुरुआत के साथ धनतेरस पर देशभर में आभूषण की दुकानों पर खरीदारों की भारी भीड़ उमड़ी। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना शुक्रवार को 3,200 रुपये की तेजी के साथ 1,34,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। स्थानीय सर्राफा बाजार में 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत में भी भारी गिरावट देखी गई और ये 2,400 रुपये घटकर 1,31,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। पिछले सत्र में ये 1,34,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया था।
चांदी की कीमतों में लगातार दूसरे दिन दर्ज की गई गिरावट
पिछले साल 29 अक्टूबर 2024 को मनाए गए धनतेरस पर 24 कैरेट सोने की कीमत 81,400 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो इस बार बढ़कर 1,32,400 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। यानी एक साल में इसकी कीमत में 51,000 रुपये (62.65 प्रतिशत) की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। चांदी की कीमतों में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली है। शनिवार को चांदी का भाव 7,000 रुपये की गिरावट के साथ 1,70,000 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया। शुक्रवार को चांदी 1,77,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। चांदी की कीमतें पिछले धनतेरस पर दर्ज 99,700 रुपये प्रति किलोग्राम से 70,300 रुपये या 70.51 प्रतिशत बढ़ गई हैं।
कमजोर वैश्विक संकेतों की वजह से गिरी कीमतें
व्यापारियों ने कहा कि सर्राफा कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण कमजोर वैश्विक संकेत हैं, क्योंकि निवेशकों ने भारी तेजी के बाद मुनाफावसूली की। कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक कोलिन शाह ने कहा, ‘‘धनतेरस के त्योहार ने अपनी पारंपरिक चमक इस बार भी बरकरार रखी। सोने की रिकॉर्ड ऊंची कीमतों, अनुकूल आर्थिक माहौल और जीएसटी सुधारों के बावजूद उपभोक्ताओं ने निवेश में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और बाजार से जोरदार प्रतिक्रिया देखने को मिली।’’
चांदी की मांग ने सोने को पछाड़ा
भारी-भरकम कीमतों के बावजूद धनतेरस के शुभ अवसर पर उपभोक्ताओं की चांदी में मांग ने सोने को पीछे छोड़ दिया। चांदी के सिक्कों की बिक्री में सालाना आधार 35 से 40 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि कुल मूल्य दोगुना से अधिक रहा। वहीं, ज्वेलरी संगठन को सोने की बिक्री में मात्रा के लिहाज से लगभग 15 प्रतिशत की गिरावट की आशंका है। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के अध्यक्ष राजेश रोकड़े के अनुसार, “धनतेरस 2025 में पिछले वर्ष की तुलना में कुल बिक्री में 10-15 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, लेकिन मूल्य में तेज़ी से वृद्धि हुई है. हमें उम्मीद है कि त्योहारी बिक्री 50,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगी।”