भारतीय महिला क्रिकेट टीम इस वक्त मिशन वर्ल्ड कप 2025 में जुटी हुई है। भारतीय टीम ने अपने पहले दो मैच जीत लिए हैं और अब तीसरे मैच की बारी है। टीम इंडिया को सबसे ज्यादा उम्मीद अपनी सलामी बल्लेबाज से रहती हैं, जिनका नाम स्मृति मंधाना है। स्मृति मंधाना ने इस साल एक नया कीर्तिमान तो रच दिया है, लेकिन उनका बल्ला उस तरह से नहीं बोल रहा है, जिसके लिए वे जानी और पहचानी जाती हैं। भारतीय टीम के लिए ये एक चिंता की बात है।
तीन मैचों में बना सकी हैं केवल 54 ही रन
स्मृति मंधाना इस साल के विश्व कप में अब तक तीन मैच खेल चुकी हैं और उनके बल्ले से केवल 54 ही रन आए हैं। इन तीन मैचों के दौरान उनका औसत केवल 18 रहा है और वे 72.97 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी कर रही हैं। लेकिन अगर इसी साल वर्ल्ड कप से पहले के आंकड़े देखें तो वे बहुत शानदार हैं। विश्व कप से पहले स्मृति मंधाना ने इस साल जो 14 पारियां खेली, उसमें 928 रन बनाने में वे कामयाब रही थीं। तब उनक औसत 66.28 का था और वे 115.85 के स्ट्राइक रेट से रन बना रही थीं। इससे साफ पता चलता है कि वर्ल्ड कप शुरू होने के बाद अचानक स्मृति मंधाना के खेल में गिरावट आई है।
बिना स्मृति मंधाना के नहीं बनेगी टीम इंडिया की बात
अभी तो वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत हुई है और टीम को यहां से भी कई मैच खेलने हैं। अगर इसी तरह का फार्म स्मृति मंधाना का रहा तो टीम अपने मिशन वर्ल्ड कप में कामयाब हो पाएगी कि नहीं, इसको लेकर शक है। खास बात ये है कि पिछले तीन मैचों में भी स्मृति मंधाना को शुरुआत मिली, जो वे चाहती हैं, लेकिन इसके बाद भी अभी वे उसे ड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाई हैं। बाकी बल्लेबाजों और गेंदबाजों की बदौलत टीम ने पहले दो मैच तो जीत लिए, लेकिन अब चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ बैकफुट पर दिखी टीम
भारतीय टीम अपना तीसरा मैच साउथ अफ्रीका से खेल रही है। इसमें शुरुआत तो ठीक हुई, लेकिन जैसे ही स्मृति मंधाना का विकेट गिरा, एक के बाद के बाद एक विकेट गिरने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वो टीम को टेंशन देने के लिए काफी है। अब जल्द ही स्मृति मंधाना को अपना वही फार्म वापस पाना होगा, जो विश्व कप से पहले दिखा रही थीं, तभी काम बनेगा।