भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार वनडे विश्व कप में अपना परचम लहराया है। भारत की पुरुष टीम को इससे पहले भी विश्व कप जीत चुकी है, लेकिन महिला टीम ने पहली बार ये दिन देखा है। इस बार भारत में ही विश्व कप आयोजन हो रहा था, इसलिए टीम इंडिया खिताब की दावेदार तो पहले से ही मानी जा रही थी, लेकिन बीच में कुछ हार ने इस दावेदारी को कमजोर किया। आखिर में भारतीय टीम ने जिस तरह का खेल दिखाया, उसने उसे चैंपियन बना ही दिया। इस बीच भारत की इस जीत से मुंबई का भी गहरा कनेक्शन सामने आया है। इतना ही नहीं, भारतीय टीम के लिए ये दो तारीख क्यों खास है, ये भी पता चला है।
मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेला गया महिला वनडे विश्व कप का फाइनल
हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय टीम ने नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में रविवार रात को इतिहास रच दिया। रात करीब 12 बजे भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर खिताब पर कब्जा कर लिया। इसी के साथ पूरे देश में जश्न का माहौल बन गया। भारी संख्या में लोग मुकाबला अपनी टीवी पर देख रहे थे, उन्होंने जीत के बाद जमकर पटाखे फोड़े और महिला टीम की जीत में शामिल हुए।
साल 2011 में भी भारत ने मुंबई में जीता था वनडे विश्व कप
आपको याद होगा कि इससे पहले जब भारतीय टीम ने साल 2011 में वनडे विश्व कप का खिताब जीता था, तब भी फाइनल मैच मुंबई में ही खेला गया था। ये बात और है कि साल 2011 के फाइनल में जब भारत और श्रीलंका की टीमें आमने सामने थीं और भारत ने फाइनल जीता, तब मैदान वानखेड़े स्टेडियम था, इस बार ये डीवाई पाटिल है, लेकिन दोनों स्टेडियम मुंबई में ही हैं। यानी मुंबई में भारत ने अब दो वनडे विश्व कप जीतने में कामयाबी हासिल की है। इसे एक संयोग ही माना जाएगा।
दो तारीख को ही खेला गया था साल 2011 का भी फाइनल
अब बात करते हैं दो तारीख की। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच महिला वनडे विश्व का फाइनल दो नवंबर को खेला गया। जिसे भारत ने जीतने में सफलता हासिल की। बात अगर साल 2011 के वनडे विश्व कप फाइनल की करें तो ये मैच अप्रैल में हुआ था, लेकिन तारीख दो ही थी। यानी भारतीय टीम ने दो तारीख को अब दो विश्व कप के खिताब अपने नाम कर लिए हैं।
इसलिए ऐतिहासिक हैं दोनों जीत
जहां एक ओर साल 2011 का वनडे विश्व कप 1983 के बाद पहली बार भारत ने जीता था, वहीं साल 2025 का महिला वनडे विश्व कप तो पहली बार भारतीय टीम ने जीता है। दोनों ही विश्व कप भारत के लिए काफी अहम रहे हैं। कई साल की तपस्या का फल भारतीय प्लेयर्स को मिला, जिसका खिलाड़ियों के साथ पूरे देश ने भी जमकर जश्न मनाया।













