देश में अब 6G नेटवर्क की तैयारी जोर पकड़ रही है. भारत सरकार के दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में बताया कि 6G टेक्नोलॉजी के विकास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अहम भूमिका निभाएगा. उन्होंने कहा कि AI न सिर्फ नेटवर्क को स्मार्ट बनाएगा, बल्कि उसकी क्षमता को भी कई गुना बढ़ा देगा. यह खुद अपनी खराबियों को पहचानकर उन्हें ठीक कर सकेगा, जिससे ग्राहकों को और भी बेहतर सेवा मिलेगी.
6G की टेस्टिंग 2028 में शुरू होगी
मित्तल के मुताबिक, भारत में 6G नेटवर्क की टेस्टिंग साल 2028 तक शुरू हो जाएगी. हालांकि इसे पूरी तरह लागू होने में कुछ और साल लगेंगे. लेकिन यह साफ है कि आने वाले वर्षों में AI की वजह से 6G का अनुभव बेहद तेज, सुरक्षित और भरोसेमंद होगा.
AI से बढ़ेगी इंटरनेट स्पीड और कॉल क्वालिटी
इंडिया मोबाइल कांग्रेस में मित्तल ने बताया कि 6G नेटवर्क में AI कई अहम कामों को ऑटोमेट करेगा. यह नेटवर्क के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने और सुधारने में मदद करेगा. AI का एक खास रूप जिसे ‘एजेंटिक एआई’ (Agentic AI) कहा जाता है, नेटवर्क को और भी समझदार बना देगा.
इसके ज़रिए सिस्टम खुद तय कर सकेगा कि कहाँ दिक्कत आ रही है और उसे कैसे ठीक किया जाए. इससे इंटरनेट की स्पीड कई गुना बढ़ जाएगी और कॉल क्वालिटी पहले से कहीं बेहतर हो जाएगी. यानी भविष्य में नेटवर्क डाउन या कॉल ड्रॉप जैसी परेशानियों से काफी हद तक राहत मिलेगी.
AI के दुरुपयोग से बढ़ रहा खतरा
हालांकि, मित्तल ने यह भी माना कि AI का गलत इस्तेमाल बड़ी चुनौती बन सकता है. उन्होंने कहा कि जहां AI अच्छे कामों के लिए इस्तेमाल हो रहा है, वहीं इसका दुरुपयोग भी बढ़ रहा है.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि डीपफेक वीडियो, आवाज की नकल और ऑनलाइन ठगी जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. कई लोग AI का इस्तेमाल कर फर्जी वीडियो और ऑडियो बनाकर धोखाधड़ी कर रहे हैं. ऐसे में सरकार और टेक कंपनियों को मिलकर इस पर सख्ती से नजर रखनी होगी, ताकि इस तकनीक का गलत इस्तेमाल रोका जा सके.
धोखाधड़ी रोकने के लिए तैयार AI टूल
मित्तल ने बताया कि दूरसंचार विभाग ने एक AI-आधारित सिक्योरिटी टूल तैयार किया है, जो धोखाधड़ी वाले लेनदेन की पहचान करता है.
इस टूल की मदद से Paytm और PhonePe जैसे पेमेंट ऐप्स ने अब तक 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी को रोकने में सफलता हासिल की है, साथ ही 48 लाख से ज्यादा संदिग्ध ट्रांजैक्शन को ब्लॉक किया गया है.
यह सिस्टम यह समझने में मदद करता है कि कौन सा ट्रांजैक्शन असली है और कौन सा फेक, जिससे आम लोगों के पैसों की सुरक्षा बनी रहती है
नीरज मित्तल ने बताया कि भारत सरकार AI के इस्तेमाल को लेकर बेहद गंभीर है. इसी दिशा में सरकार ने ‘इंडिया AI मिशन’ शुरू किया है, जिसके लिए 1.25 अरब डॉलर का फंड तय किया गया है.
इस मिशन का उद्देश्य है, AI रिसर्च को बढ़ावा देना, स्टार्टअप्स को सपोर्ट करना और सुरक्षित AI सिस्टम तैयार करना. आने वाले सालों में भारत का लक्ष्य है कि 6G के लॉन्च तक देश में AI का इकोसिस्टम और भी मजबूत हो जाए.