भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए हुए चुनाव, 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया है, जिसमें मतदान प्रतिशत 67.13% रहा, जो 1951 के बाद से अब तक का सर्वोच्च स्तर है। आयोग ने 14 नवंबर, 2025 को सुचारू रूप से मतगणना प्रक्रिया के लिए भी प्रावधान किए हैं। मतगणना 14 नवंबर 2025 को सुबह 8:00 बजे शुरू होगी। आयोग के निर्देशों के अनुसार, डाक मतपत्रों की गिनती सबसे पहले शुरू होगी, उसके बाद ईवीएम की गिनती सुबह 8:30 बजे शुरू होगी। डाक मतपत्रों की गिनती ईवीएम मतगणना के अंतिम चरण से पहले पूरी होनी है। डाक मतपत्रों की गिनती आरओ/एआरओ द्वारा उम्मीदवारों या उनके मतगणना एजेंटों की उपस्थिति में की जाती है।
243 सीटों के लिए काउंटिंग प्रेक्षक तैनात
चुनावी परिणाम को लेकर बिहार के सभी 38 जिलों में तैयारी पूरी हो चुकी है। काउंटिंग के दिन स्ट्रांग रूम को अभ्यर्थियों और चुनाव आयोग के अभिकर्ताओं और केंद्रीय प्रेक्षकों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी कराते हुए खोला जाएगा। इसके बाद काउंटिंग का कार्य शुरू होगा। राज्य में 46 काउंटिंग केंद्र बनाए गए हैं। 243 सीटों के लिए काउंटिंग प्रेक्षक तैनात किए गए हैं।
: कितने बजे होगी काउंटिंग शुरू?
मतगणना के समय की बात की जाए तो शुक्रवार सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू होगी। सबसे पहले सर्विस वोटों ( पोस्टल बैलेट) की गिनती होगी। इसके बाद 8:30 बजे से EVM की काउंटिंग शुरू होगी। जैसे ही काउंटिंग शुरू होगी उसके दो घंटे के अंदर रुझान भी आने लगेंगे। हालांकि, धीरे-धीरे किसी सरकार बनेगी यह क्लियर हो जाएगा।
बिहार चुनाव रिजल्ट प्रक्रिया
बिहार चुनाव परिणाम प्रक्रिया में सबसे पहले मतदान संपन्न होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को सुरक्षित स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है। निर्धारित तिथि पर वोटों की गिनती जिला मुख्यालय में होती है। मतगणना की शुरुआत डाक मतपत्रों (postal ballots) से होती है, फिर ईवीएम के वोट गिने जाते हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न राउंड में गिनती होती है। प्रत्येक राउंड के बाद परिणाम अपडेट किए जाते हैं। चुनाव आयोग की निगरानी में यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाती है। अंत में, सर्वाधिक वोट पाने वाला उम्मीदवार विजेता घोषित होता है और परिणाम आयोग की वेबसाइट पर जारी किए जाते हैं।
: यदि NOTA को सबसे अधिक वोट मिले तो क्या होगा?
अगर किसी निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक वोट NOTA (None of the Above) को मिलते हैं, तो इसका मतलब होता है कि मतदाताओं ने सभी उम्मीदवारों को अस्वीकार कर दिया है। लेकिन भारत के चुनाव नियमों के अनुसार, NOTA को विजेता नहीं माना जाता। यानी चुनाव परिणाम रद्द नहीं होते। सबसे ज्यादा वैध वोट पाने वाला उम्मीदवार ही विजेता घोषित किया जाता है, भले ही NOTA को उससे ज्यादा वोट मिले हों। NOTA केवल जनता की असहमति दिखाने का एक माध्यम है, ताकि यह पता चल सके कि मतदाता किसी भी उम्मीदवार से संतुष्ट नहीं हैं। इससे चुनाव दोबारा नहीं होते।ये भी पढ़ें: ’18 नवंबर को लूंगा शपथ, 14 को बनेगी महागठबंधन की सरकार….’, एग्जिट पोल के दावों को लेकर तेजस्वी यादव की चेतावनी!
बिहार विधानसभा चुनाव, 2025 में कोई पुनर्मतदान नहीं।
2,616 उम्मीदवारों द्वारा पुनर्मतदान का अनुरोध नहीं।
12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा पुनर्मतदान का अनुरोध नहीं।
अंतिम मतदाता सूची में 7,45,26,858 मतदाताओं के साथ बिहार में SIR के दौरान कोई अपील नहीं।
12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा 38 जिलों में से किसी में भी कोई अपील नहीं।
राज्य भर में, सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में मतगणना की व्यवस्था की गई है।
मतगणना 243 रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) द्वारा 243 मतगणना पर्यवेक्षकों और उम्मीदवारों या उनके एजेंटों की उपस्थिति में की जाएगी।
प्रत्येक टेबल पर एक मतगणना पर्यवेक्षक, मतगणना सहायक और माइक्रो-ऑब्जर्वर के साथ 4,372 मतगणना टेबल स्थापित की गई हैं। उम्मीदवारों द्वारा नियुक्त 18,000 से अधिक मतगणना एजेंट भी मतगणना प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
ईवीएम मतगणना के दौरान, कंट्रोल यूनिट को मतगणना टेबल पर राउंड-वाइज लाया जाता है और मतगणना एजेंटों को दिखाया जाता है ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि सील सही सलामत हैं और सीरियल नंबर फॉर्म 17सी (भाग I) में दर्ज रिकॉर्ड से मेल खाते हैं।
ईवीएम में दर्ज वोटों की संख्या का फॉर्म 17सी में दर्ज प्रविष्टियों से मिलान किया जाता है। किसी भी विसंगति की स्थिति में, उस मतदान केंद्र से वीवीपैट पर्चियों की गणना अनिवार्य रूप से की जानी है।
ईवीएम की गिनती पूरी होने के बाद, वीवीपैट सत्यापन के लिए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से पांच मतदान केंद्रों का यादृच्छिक चयन किया जाता है। उम्मीदवारों और उनके मतगणना एजेंटों की उपस्थिति में पर्चियों का ईवीएम के परिणामों से मिलान किया जाता है।
संबंधित आरओ द्वारा परिणामों को राउंडवार और निर्वाचन क्षेत्रवार संकलित करके आधिकारिक ईसीआई परिणाम पोर्टल https://results.eci.gov.in पर उपलब्ध कराया जाएगा। आयोग सभी को सलाह देता है कि वे सटीक और सत्यापित अपडेट के लिए केवल इसी पोर्टल का संदर्भ लें और किसी भी सुनी-सुनाई बातों या अनौपचारिक स्रोतों पर भरोसा न करें। टीवी चैनलों और इंटरनेट मीडिया चैनलों को भी इसी प्रकार सलाह दी जाती है।















