नई दिल्ली: केंद्र सरकार के रेलवे विभाग ने मंगलवार को नए बल्क सीमेंट टर्मिनलों और बल्क परिवहन के लिए दरों को युक्तिसंगत बनाने की नीतियों की शुरुआत की है। सरकार के इन कोशिशों से अब से निर्माण सामग्री की लागत कम होने की संभावना है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सीमेंट की लागत में कमी से निर्माताओं के साथ-साथ किफायती घर खरीदने के इच्छुक लोगों को भी सीधा फायदा होगा।
परिवहन लागत में आएगी कमी
उन्होंने बताया कि, इसके आलावा थोक सीमेंट की स्वच्छ, तेज़ और घर-घर पहुँच से निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और परिवहन लागत में 30% की कमी आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि, सीमेंट को पहले बोरियों में पैक किए बिना उसकी ढुलाई से वायु प्रदूषण भी कम होगा।
इस योजना के अनुसार, सीमेंट परिवहन लागत को 90 पैसे प्रति टन प्रति किलोमीटर की एक समान दर पर एक समान कर दिया गया है। इससे टैंक कंटेनरों – एक नए प्रकार के वैगनों – को भी बढ़ावा मिलेगा, जिनमें भारी मात्रा में सीमेंट भरकर खपत के लिए किसी भी स्थान पर पहुँचाया जा सकता है। वैष्णव ने कहा, “इस नए नवाचार से पर्यावरण की दृष्टि से स्वच्छ परिवहन की लागत काफी कम हो जाएगी, क्योंकि इसमें सीमेंट की बोरियों का उपयोग नहीं किया जाएगा।” रेलवे देश भर में थोक सीमेंट टर्मिनलों की स्थापना में सहायता करेगा, क्योंकि संयंत्र से उपभोग केन्द्रों के निकट टर्मिनलों तक थोक सीमेंट का परिवहन लागत प्रभावी और पर्यावरण अनुकूल है














