वोटर आईडी भारतीय नागरिकों के लिए एक जरूरी डॉक्यूमेंट है। यह उन्हें चुनाव में वोट डालने का अधिकार देता है, जो कि किसी भी नागरिक का मूल कर्तव्य है। इसके अलावा वोटर आईडी पहचान और पते का प्रमाण भी होता है। इस कार्ड की मदद से लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं, जो देश, राज्य या स्थानीय स्तर पर शासन और कानून बनाने का काम करते हैं।
वोटर आईडी भारतीय नागरिकों के लिए एक जरूरी डॉक्यूमेंट है। यह उन्हें चुनाव में वोट डालने का अधिकार देता है, जो कि किसी भी नागरिक का मूल कर्तव्य है। इसके अलावा वोटर आईडी पहचान और पते का प्रमाण भी होता है। इस कार्ड की मदद से लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं, जो देश, राज्य या स्थानीय स्तर पर शासन और कानून बनाने का काम करते हैं।
अपराध है दो वोटर ID कार्ड रखना
यदि किसी व्यक्ति के पास दो या उससे ज़्यादा वोटर आईडी कार्ड (EPIC) हैं, तो यह कानूनन अपराध माना जाता है। किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक वोटर आईडी रखना अनुमति नहीं है। अगर किसी के पास दो अलग-अलग जगहों के वोटर आईडी पाए जाते हैं, तो पकड़े जाने पर:
एक साल तक की जेल
या जुर्माना
या दोनों हो सकते हैं।
इसके अलावा, अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों की वोटर लिस्ट में नाम होना भी गैरकानूनी है।
अगर आपके पास दो वोटर कार्ड हैं तो क्या करें?
चुनाव आयोग ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी गलती खुद ही सुधार लें। अगर किसी के पास गलती से दो वोटर ID बन गए हैं, तो उसे ये कदम उठाने चाहिए
फॉर्म 7 भरें – जिससे एक एंट्री को हटाया जा सके।
पुराने या गलत कार्ड का EPIC नंबर स्थानीय बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को दें।
डुप्लिकेट कार्ड जमा करें – इसे नज़दीकी चुनाव कार्यालय में जमा करना होगा।
अगर गलती जानबूझकर नहीं हुई है, तो आमतौर पर कड़ी सज़ा नहीं दी जाती। लेकिन अगर किसी ने जानबूझकर दूसरा कार्ड बनवाया है, जैसे दो बार वोट डालने या नकली पहचान के लिए, तो सख्त कार्रवाई हो सकती है।
अगर पकड़े गए तो क्या होगा?
ऐसे मामलों में गंभीर परिणाम हो सकते हैं:
चुनाव आयोग नोटिस भेज सकता है
FIR दर्ज हो सकती है
कानूनी प्रक्रिया चल सकती है
चुनाव लड़ने या सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से रोक दिया जा सकता है















