रायपुर : खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. यशोदा वर्मा ने अपने प्रतिद्वंदी कोमल जंघेल को इस चुनाव में 20 हजार से ज्यादा मतों से हराया. बीजेपी ने खैरागढ़ को 2023 विधानसभा के सेमीफाइनल के तौर पर देखा था. जिसके लिए बीजेपी ने एड़ी चोटी का जोर लगाया. वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने भी स्वर्गीय देवव्रत सिंह की सीट वापस पाने के लिए जोर लगाया. लेकिन आखिरकार जीत कांग्रेस की हुई. PCC चीफ मोहन मरकाम ने खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत को कांग्रेस के 2023 के चुनावी जीत की तैयारी के तौर पर बताया है. अब कई दिग्गजों का मानना है कि खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव की जीत साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की जीत की दशा और दिशा तय करेगी.
कांग्रेस का मानना है कि खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव सेमीफाइनल था और इस में जीत को हासिल करने के बाद अब साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव यानी की फाइनल में भी कांग्रेस जीत हासिल करेगी. इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि हम शुरू से यह मानकर चल रहे थे खैरागढ़ उपचुनाव हमारे लिए सेमीफाइनल है. 2023 चुनाव फाइनल में जाने के पहले सेमीफाइनल खेलना जरूरी है. हमें लगता है कि खैरागढ़ उपचुनाव के बाद 2023 में होने वाले फाइनल भी हम लोग ही जीतेंगे.
खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने काफी जोर लगाया. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री सहित भाजपा के बड़े-बड़े नेता खैरागढ़ में सक्रिय रहे. बावजूद इसके इस चुनाव में बीजेपी उम्मीद के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई. इस सवाल के जवाब में मरकाम ने कहा कि खैरागढ़ की जनता का भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर विश्वास नहीं रह गया है. बीजेपी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल समेत अन्य नेताओं को मैदान में उतारा था. लेकिन उनकी मेहनत बेकार गई.