Raigarh News: आरकेएम प्लांट में ट्रक चालक की लाश मिलने से उत्तेजित लोगों ने किया 10 घंटे चक्काजाम

 

 

*प्रशासन के हस्तक्षेप से प्लांट प्रबंधन और ट्रांसपोर्टर देंगे मृतक परिवार को 8 लाख मुआवजा व एक सदस्य को नौकरी*

 

रायगढ़, 28 जून। सीमावर्ती सक्ती जिले के आरकेएम प्लांट में बीती रात ट्रक चालक की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिलने के बाद उत्तेजित लोगों ने जमकर हंगामा किया। शोकाकुल परिजनों के साथ ड्रायवर एकता संघ ने घटना की निष्पक्ष जांच के साथ मुआवजा राशि की मांग को लेकर प्लांट प्रबंधन के खिलाफ सड़क पर उतरकर 10 घंटे चक्काजाम भी किया। जिला और पुलिस प्रशासन में हस्तक्षेप से जब प्लांट प्रबंधन तथा ट्रांसपोर्टर ने मृतक के परिवार को 8 लाख रुपए के साथ एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया, तब कहीं जाकर हंगामा शांत हुआ।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सक्ती जिले के डभरा थानांतर्गत ग्राम उच्चपिंडा स्थित आरकेएम पावर जोन प्रायवेट लिमिटेड में मालखरौदा थाना क्षेत्र के अंडा गांव का आकाश भारद्वाज आत्मज गोपाल भारद्वाज (22 वर्ष) एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के ट्रक से कोयला लेकर जाता था। बीते मंगलवार को भी आकाश ट्रक लेकर आरकेएम गया था। देर रात तकरीबन 12 बजे प्लांट के राखड़ डंपिंग एरिया में एक युवक संदिग्ध हालत में बेसुध पड़ा मिला। युवक के शरीर और कपड़े गीले राखड़ से सने थे, इसलिए उसकी पहचान नहीं होने पर कंपनी स्टॉफ वेदप्रकाश और देवेंद्र सिंह उसे सिक्यूरिटी गार्ड बिट्टू के साथ कंपनी एम्बुलेंस से खरसिया के सिविल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तो रात लगभग पौने 1 बजे डॉक्टर्स ने प्राथमिक जांच में ही उसे मृत घोषित कर दिया।

आरोप है कि कंपनी स्टॉफ और सुरक्षा गार्ड अस्पताल में युवक की लाश की पहचान आकाश भारद्वाज के रूप में करने की बजाए सरकारी रजिस्टर में उसे अज्ञात बताया। जबकि, प्लांट कर्मचारियों का दावा है कि आकाश के शव को मर्च्यूरी रूम में ले जाते देख वे हॉस्पिटल परिसर में ही खड़े रहकर अपने उच्चाधिकारियों को वस्तुस्थिति बता रहे थे। वहीं, आकाश के साथियों द्वारा भारद्वाज परिवार को मामले की जानकारी देने पर सुबह वे अस्पताल पहुंचे और मर्च्यूरी रूम में अपने लाडले की लाश को बगैर कफन के देख उनको काफी पीड़ा हुई। साथ ही पता चला कि अस्पताल के रजिस्टर में आकाश के मृतदेह को अज्ञात के तौर पर लिखा गया है तो वे भड़क गए। इस बीच मृतक के ड्रायवर साथी और ग्रामीणों को इसकी भनक लगी तो वे प्लांट भीतर आकाश की हत्या का आरोप लगाते हुए आरकेएम प्रबंधन के खिलाफ लामबंद होने लगे।

आरकेएम प्लांट में कोयला परिवहन होने वाले देवरघटा नहर के पास पूर्वान्ह करीब साढ़े 10 बजे भारद्वाज परिवार के कुछ सदस्यों के साथ छत्तीसगढ़ ड्रायवर एकता संगठन के अध्यक्ष शंकर बरेठ ने आकाश की मौत के बाद प्लांट प्रबंधन तथा ट्रांसपोर्ट कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए चक्काजाम कर दिया। आरकेएम जाने के मुख्य मार्ग में वाहनों के पहिये थमते ही जब यातायात व्यवस्था ठप्प हुआ और भीड़ बढ़ने पर वातावरण में तनाव का जहर घुलने लगा तो डभरा सहित आसपास के थाना-चौकी प्रभारियों को मोर्चा सम्हालने जाना पड़ा, फिर भी चक्काजाम नहीं हटा सके।

दिनभर आक्रोशित लोगों के चक्काजाम करने पर पुलिस कप्तान एमआर अहिरे ने एडिशनल एसपी गायत्री सिंह को दलबल के साथ भेजा तो कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने प्रशासन की तरफ से डभरा एसडीएम दिव्या अग्रवाल और तहसीलदार आरके राठौर को भी मौके पर रवाना किया। जिला और पुलिस प्रशासन के अफसरों ने अघोषित पुलिस छावनी के रूप में तब्दील देवरघटा नहर पास चक्काजाम हटाने की काफी कोशिशें की, मगर ड्रायवर एकता संगठन अपने सदस्य आकाश की संदिग्ध की निष्पक्ष जांच के साथ शोकाकुल भारद्वाज परिवार को मुआवजा राशि और कंपनी के दोषी लोगों पर कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे।

ऐसे में प्रशासन ने आरकेएम प्रबंधन से प्रशांत और रावत को बुलाकर ड्रायवर एकता संगठन के साथ बैठक कराई। काफी आरोप-प्रत्यारोप के पश्चात जब प्लांट प्रबंधन ने ट्रांसपोर्टर की सहमति से मृतक ट्रक चालक आकाश के परिजनों को बतौर मुआवजा राशि के रूप में 8 लाख की आर्थिक सहायता के अलावे भारद्वाज परिवार के किसी एक सदस्य को कंपनी में योग्यतानुसार नौकरी देने का ठोस आश्वासन दिया तो 10 घंटे तक चला चक्काजाम रात साढ़े 8 बजे खत्म हुआ।

 

*क्या कहती हैं गायत्री*

आरकेएम कंपनी के राखड़ डंपिंग एरिया में गाड़ी चालक की लाश मिली है। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग कर चक्काजाम भी किया, जिसे शांत करा दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले का सच सामने आएगा, फिर आगे की कानूनी कार्रवाई होगी

गायत्री सिंह

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सक्ती