Stock Market Updates Today: ग्लोबल मार्केट में गिरावट के बाद भारतीय बाजार धड़ाम; सेंसेक्स-निफ्टी धड़ाम, ऑटो और IT शेयर्स टूटे…

Stock Market Updates Today: ग्लोबल मार्केट में गिरावट के बाद भारतीय बाजार धड़ाम; सेंसेक्स-निफ्टी धड़ाम, ऑटो और IT शेयर्स टूटे…

वैश्विक संकेतों के बीच गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ खुले। सुबह 9 बजकर 15 के करीब एक समय सेंसेक्स 184.35 अंक की गिरावट के साथ 81,531.28 पर और निफ्टी 51.20 अंक की गिरावट के साथ 25,005.70 पर कारोबार कर रहा था। बाजार खुलते समय लगभग 1182 शेयरों में तेजी, 1186 शेयरों में गिरावट देखने को मिली, जबकि 151 शेयरों में कोई बदलाव नहीं देखा गया। कारोबार के दौरान बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में मामूली बढ़त देखने को मिली। ऑटो को छोड़कर, दूसरे सभी क्षेत्रीय सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं, जिनमें दूरसंचार, बिजली, धातु और पूंजीगत वस्तुएं 0.5-0.5% ऊपर हैं।

टॉप गेनर और टॉप लूजर स्टॉक्स

निफ्टी पर हिंडाल्को, डॉ रेड्डीज लैब्स, ओएनजीसी, टाटा स्टील, टाटा कंज्यूमर के शेयर प्रमुख रूप से बढ़त में रहे, जबकि टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, टाइटन कंपनी, मारुति सुजुकी और हीरो मोटोकॉर्प के शेयर गिरावट में रहे। सेंसेक्स की कंपनियों में टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, टाइटन, एचसीएल टेक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, मारुति और इटरनल के शेयर पिछड़ गए। हालांकि, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, अदानी पोर्ट्स और इंफोसिस प्रमुख लाभ में रहे

चार दिनों में 1,298.33 अंक टूटा सेंसेक्स

पिछले चार दिनों में, बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स 1,298.33 अंक और निफ्टी 366.7 अंक गिरा है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 2,425.75 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा कि ट्रंप के कड़े टैरिफ और नए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर के एच-1बी वीजा शुल्क से बाजार धारणा प्रभावित हुई है, जिससे निफ्टी को 25,300 पर मजबूत प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।

एफआईआई की निरंतर बिकवाली सबसे बड़ी बाधा

Stock Market Updates Todayपीटीआई की खबर के मुताबिक, जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि इस पूरे वर्ष बाजार पर सबसे बड़ी बाधा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निरंतर बिकवाली रही है। भारत में लागू किए जा रहे सुधारों और कम ब्याज दर व्यवस्था से आर्थिक विकास और कॉर्पोरेट आय में वृद्धि को बढ़ावा मिलने की संभावना है। इससे विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को भारतीय बाजार में वापस आना चाहिए।

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