ट्रेड यूनियनों के दो दिवसीय हड़ताल का आज दूसरा और अंतिम दिन है। श्रमिकों की 12 सूत्री मांग पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के विरोध में यूनियनों ने इस भारत बंद का आह्वान किया है। इस बंद में बैंकिंग, रोडवेज, बीमा और वित्तीय क्षेत्र के कर्मचारी भी भाग लेंगे। इस बंद के कारण आज भी कुछ जगह बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं। बीते सोमवार को इसका असर सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में दिखा था।
कर्नाटक में ट्रेड यूनियनों का प्रदर्शन
कर्नाटक के कलबुर्गी में में ट्रेड यूनियनों द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल और बंद के आह्वान के मद्देनजर सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (CITU) और अन्य वामपंथी संगठनों ने सरकारी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
इन क्षेत्रों को हड़ताल में शामिल होने की अपील
इस भारत बंद में टेलिकॉम, कोयला, इस्पात, तेल, पोस्टल, इनकम टैक्स, तांबा, बैंक, बीमा जैसे क्षेत्रों में यूनियनों को भी हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है। रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियनें देशभर में सैकड़ों जगह हड़ताल के समर्थन में भारत बंद करेंगी।
इन सेवाओं पर पड़ सकता है असर
इस भारत बंद के चलते बहुत सारे काम-काज पर असर पड़ सकता है। सबसे बड़ा असर बैंकिंग सेक्टर पर पड़ सकता है। इसके अलावा इस बंद के चलते ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पर भी दिख सकता है। रेलवे और रक्षा क्षेत्र की यूनियन भी हड़ताल में शामिल हो सकती हैं।
भारत बंद के क्या हैं उद्देश्य
12 सूत्री मांग पत्र के लिए मजदूर और किसान कई सालों से संघर्ष करते रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा उचित कदम नहीं उठाए जाने के कारण इस बंद को बुलाया गया है।
1.चार श्रम क़ानूनों और ज़रूरी रक्षा सेवा अधिनियम (EDSA) को रद्द किया जाए
2. संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों वाले 6 सूत्री घोषणापत्र को स्वीकार किया जाये
3. सभी तरह के निजीकरण को खत्म किया जाए।
4. जो परिवार आयकर भुगतान के दायरे के बाहर हैं उन्हें प्रति माह 7,500 रुपये की आय सहायता प्रदान की जाए।
5. मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाएं जाए।
6.सभी अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान किया जाए।
7. आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मिल और दूसरी योजना में लगे कार्यकर्ताओं के लिए वैधानिक न्यूनतम पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान किया जाए।