Uttar Pradesh: भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ बृहस्पतिवार रात तक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं। योगी सरकार- 02 का शपथग्रहण समारोह शुक्रवार को शाम 4 बजे इकाना स्टेडियम में होगा।
सूत्रों के मुताबिक बृहस्पतिवार शाम 4 बजे लोक भवन में होने वाली विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद योगी शाम को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष 273 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
उधर, 18वीं विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के कद्दावर नेता सूर्य प्रताप शाही, पूर्व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य का नाम चर्चा में है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि बेबीरानी राज्यपाल रह चुकी हैं, ऐसे में उन्हें मंत्री बनाने की जगह विधानसभा अध्यक्ष का संवैधानिक पद ही देना उचित होगा।
शाह ने ही घोषित किया था योगी का नेतृत्व
भाजपा यूपी में विधानसभा चुनाव सीएम योगी के नेतृत्व में लड़ेगी इसकी घोषणा सबसे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने ही की थी। राजधानी के डिफेंस एक्सपो मैदान में 29 अक्तूबर, 2021 को आयोजित पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन में शाह ने कहा था कि 2024 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए 2022 में योगी को फिर से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना जरूरी है।
28-29 मार्च को नवनिर्वाचित विधायकों को दिलाई जाएगी शपथ
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य रमापति शास्त्री को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। वह विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव तक इस पद पर बने रहेंगे। शास्त्री पांच अन्य वरिष्ठ सदस्यों के साथ विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों को 28-29 मार्च को शपथ दिलाएंगे। इनमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, सुरेश खन्ना, जय प्रताप सिंह, फतेह बहादुर सिंह और रामपाल के नाम शामिल हैं। इन सभी को राज्यपाल 26 मार्च को राजभवन में शपथ ग्रहण कराएंगी।
आज प्रदेश मुख्यालय में कोर कमेटी की बैठक
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बृहस्पतिवार शाम को कोर कमेटी की बैठक होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले विधायकों के साथ नए मंत्रियों को विभागों के बंटवारे पर भी चर्चा हो सकती है।